बजाज फिनांस का शेयर क्यों गिरा? MSME स्ट्रेस और कमजोर मार्गदर्शन समझें
बजाज फिनांस के शेयर 11 नवंबर को 7.37% गिरे। Q2 में मजबूत मुनाफा बढ़ने के बावजूद, MSME खातों में तनाव और कम विकास मार्गदर्शन ने निवेशकों को निराश किया।

11 नवंबर को भारतीय शेयर बाजार में एक सबक सीखने वाला दिन रहा। जब Sensex और Nifty की तरफ से मजबूत संकेत मिल रहे थे, तब बजाज फिनांस के शेयर में जबरदस्त गिरावट आई। कंपनी के Q2 FY26 के नतीजे अच्छे दिख रहे थे, लेकिन एक बात ने सब कुछ बदल दिया – वह बात था asset quality का बिगड़ना और growth guidance का नीचे आना।
खबर की सुर्खी: स्ट्रांग प्रॉफिट, वीक गाइडेंस
बजाज फिनांस ने अपने Q2 नतीजों में 23% का consolidated net profit growth दिखाया – ₹4,948 करोड़ का मुनाफा। Assets Under Management (AUM) भी 24% बढ़ा, जो कि ₹4.62 लाख करोड़ तक पहुंच गया। ग्राहक संख्या 20% बढ़ी, जो अब 11.06 करोड़ है। सतह पर सब कुछ ठीक लग रहा था।
लेकिन जब company management ने अपनी guidance दी, तो market को झटका लगा। बजाज फिनांस ने FY26 के लिए अपने AUM growth guidance को 24-25% से घटाकर 22-23% कर दिया। यह 2% की कटौती आसान नहीं लग रही थी क्योंकि इसके पीछे एक गंभीर कारण था: MSME portfolio में stress बढ़ गया है।

MSME में तूफान: तनाव की असली कहानी
MSME (Micro, Small, Medium Enterprises) खातों में क्या हुआ? कंपनी की management ने खुलासा किया कि वह unsecured MSME loan volumes को 25% कम कर रही है। यह एक पहलू है जिसे आपको समझना चाहिए।
जब आप retail investors हो, तो आप सोचते हो – “यह तो अच्छा है, कंपनी risk को manage कर रही है।” लेकिन markets का फैसला अलग था। क्यों? क्योंकि MSME lending में stress मतलब है कि कुल loan book का एक छोटा सा हिस्सा बहुत ज्यादा problem create कर रहा है।
यहाँ है असली डरावनी बात: MSME portfolio कुल AUM का सिर्फ 11% है (₹51,718 करोड़), लेकिन कुल loan losses का 9% योगदान दे रहा है। मतलब? यह पोर्टफोलियो disproportionately risky बन गया है।
Gross NPA ratio बिगड़ गया – 1.06% से बढ़कर 1.24% हो गया सिर्फ एक साल में। Net NPA भी 0.46% से चढ़कर 0.60% पर पहुंच गया। Credit losses और provisions 19% बढ़े, जो कि 2,269 करोड़ तक गए।

क्या चल रहा है असल में?
बजाज फिनांस यह कह रहा है कि consumer leverage का pressure बढ़ गया है। सरल शब्दों में: बहुत सारे छोटे कारोबारी एक साथ कई जगहों से loans ले रहे थे। जब economy थोड़ा slow हो गई, तो उन सभी को एक साथ repay करना मुश्किल हो गया। Sticky inflation, rural recovery में delay, और overall macro slowdown – सब कुछ मिलकर MSME को pressure दे रहा है।
Company ने “corrective actions” लिए हैं – MSME exposure को तेजी से कम किया जा रहा है, और captive two-wheeler और three-wheeler business को phase out किया जा रहा है (यह segments कुल AUM का सिर्फ 1.5% है पर 9% loan losses दे रहे हैं)। लेकिन यह सब करने में समय लगेगा।
शेयर प्राइस पर क्या असर?
11 नवंबर को, जब Sensex 336 points बढ़ा और Nifty 121 points चढ़ा, तब बजाज फिनांस का शेयर 7.37% गिरा। यह एक ₹1,085 से ₹1,004-1,005 तक की गिरावट थी।
क्यों? क्योंकि:
- Growth में कटौती – निवेशकों को 22-23% growth की जगह 24-25% की growth की उम्मीद थी।
- Asset quality का deterioration – जब risks बढ़ते हैं, तो valuations को adjustment करना पड़ता है।
- Valuation pressure – बजाज फिनांस पहले से ही काफी महंगा था। 5x FY27 book value पर, negative surprise को absorb करना मुश्किल है।
बड़े brokerages को भी concerns दिखे। JM Financial ने stock को downgrade किया – “Add” से कम rating दी। ये बताता है कि even analysts को इस move को digestible नहीं लगा।
आगे क्या देखें? (आगे क्या देखें?)
FY27 में सुधार की उम्मीद – Management कह रहा है कि जब MSME और auto portfolios में सफाई चल जाएगी, तो credit costs बहुत improve होंगे। FY26 में 1.85-1.95% credit cost है, लेकिन FY27 में “significant improvement” का दावा है।
Gold loan segment की रफ्तार – कंपनी gold loans में aggressive expansion कर रही है। यह segment ₹12,000 करोड़ से बढ़कर ₹16,000 crore by March 2026 तक जा सकता है।
Q3 में asset quality trends – अगली quarterly update में आप देखेंगे कि slippages कितने improve हो रहे हैं। अगर trends सकारात्मक हैं, तो market फिर से confidence दिखा सकता है।
Capital adequacy strong रहेगा – 21.23% की capital adequacy ratio से कंपनी growth के लिए room रखती है, जब opportunities आएंगे।
Retail Investors के लिए सबक
यह एक classic case है जहाँ strong headline numbers ने underlying issues को छुपा दिया। जब कोई company record profits दिखा रही हो, तब भी:
- Asset quality को देखो – NPAs, coverage ratios, और segment-wise performance को समझो
- Guidance changes को seriously लो – Management ही सबसे अच्छा जानता है कि आगे क्या आने वाला है
- Valuation को context में रखो – Expensive stocks को छोटे-छोटे disappointments से भी बड़ा knock मिल सकता है
बजाज फिनांस एक quality company है, लेकिन अभी एक phase में है जहाँ सब्र करना पड़ेगा। Long-term investors के लिए यह सिर्फ एक speed bump हो सकता है, लेकिन short-term volatility निश्चित है।
यह लेख केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और निवेश पर सलाह नहीं है। निवेश से पहले अपना स्वयं का शोध अवश्य करें।
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