TCS के कमजोर नतीजों और वैश्विक तनाव से बाजार में भारी गिरावट, निवेशकों के 3 लाख करोड़ डूबे
शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी बिकवाली देखी गई। IT दिग्गज TCS के उम्मीद से कमजोर तिमाही नतीजों और अमेरिका-कनाडा के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव के कारण Sensex और Nifty लगभग 1% तक टूट गए।

शुक्रवार, 11 जुलाई 2025, का दिन भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों के लिए निराशाजनक रहा। देश की सबसे बड़ी IT कंपनी Tata Consultancy Services (TCS) के उम्मीद से कमजोर तिमाही नतीजों और वैश्विक स्तर पर बढ़ते व्यापारिक तनाव के कारण बाजार में चौतरफा बिकवाली का दबाव देखा गया। इसके चलते प्रमुख सूचकांक Sensex और Nifty लगभग 1% की बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए और निवेशकों की संपत्ति में एक ही दिन में 3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की कमी आई।
बाजार का हाल: आंकड़ों में
हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन बाजार की शुरुआत ही कमजोर रही और दिनभर यह दबाव बना रहा। कारोबार के अंत में, BSE Sensex 689.81 अंक (0.83%) गिरकर 82,500.47 पर बंद हुआ। वहीं, NSE Nifty 205.40 अंक (0.81%) की गिरावट के साथ 25,149.85 के स्तर पर आ गया।
यह गिरावट सिर्फ बड़े शेयरों तक सीमित नहीं रही। broader market में भी बिकवाली का जोर रहा, जहाँ BSE Midcap index 0.65% और Smallcap index 0.70% टूटकर बंद हुए। इस भारी बिकवाली के कारण BSE पर लिस्टेड कंपनियों का कुल market capitalization घटकर ₹456.6 लाख करोड़ रह गया, जो पिछले सत्र में ₹460 लाख करोड़ था।
गिरावट के पीछे के दो बड़े कारण
बाजार में इस बड़ी गिरावट के पीछे मुख्य रूप से दो वजहें रहीं:
1. TCS के निराशाजनक Q1 नतीजे: बाजार की नजरें IT सेक्टर की दिग्गज कंपनी TCS के पहली तिमाही (Q1 FY26) के नतीजों पर थीं। गुरुवार को बाजार बंद होने के बाद आए नतीजों ने निवेशकों को निराश किया। हालांकि कंपनी का शुद्ध लाभ (net profit) साल-दर-साल 6% बढ़कर ₹12,760 करोड़ हो गया, लेकिन राजस्व के मोर्चे पर प्रदर्शन कमजोर रहा।
सबसे बड़ी चिंता का विषय constant currency (CC) में कंपनी के राजस्व में 3.1% की गिरावट थी। कंपनी प्रबंधन ने कहा कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनाव के कारण क्लाइंट्स अपने गैर-जरूरी तकनीकी खर्चों को टाल रहे हैं, जिसका असर कंपनी के प्रदर्शन पर पड़ा है।
TCS के इन कमजोर नतीजों का असर पूरे IT सेक्टर पर पड़ा। Nifty IT index 1.8% से ज्यादा टूट गया। TCS का शेयर खुद 2.5% से ज्यादा गिरा, और इसके साथ ही Infosys, Wipro, LTIMindtree और Tech Mahindra जैसे अन्य IT शेयरों में भी 1-3% की गिरावट देखी गई।
2. बढ़ता वैश्विक व्यापारिक तनाव: भारतीय बाजार पर दूसरा बड़ा नकारात्मक असर अंतरराष्ट्रीय संकेतों से आया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा कनाडा से आयात होने वाले सामानों पर 35% का नया tariff लगाने की घोषणा से वैश्विक व्यापार युद्ध (trade war) की चिंताएं बढ़ गई हैं। इस खबर से दुनिया भर के बाजारों में घबराहट का माहौल बन गया, जिसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा। निवेशक ऐसे माहौल में जोखिम लेने से बचते हैं, जिससे बिकवाली बढ़ती है।
कौन चढ़ा, कौन गिरा?
जहाँ एक ओर बाजार में चौतरफा बिकवाली थी, वहीं कुछ शेयर हरे निशान में बंद होने में कामयाब रहे। Nifty 50 में Hindustan Unilever (HUL), Axis Bank, Sun Pharma और NTPC टॉप गेनर्स में शामिल थे। HUL का शेयर तो 4% से ज्यादा उछला क्योंकि कंपनी ने प्रिया नायर को अपनी पहली महिला MD और CEO नियुक्त किया है।
वहीं, गिरावट वाले शेयरों में TCS सबसे आगे रहा। इसके अलावा Mahindra & Mahindra, Tata Motors, Bharti Airtel, और HCL Tech टॉप लूजर्स में शामिल थे।
आगे क्या देखें?
बाजार में इस गिरावट के बाद निवेशकों को कुछ प्रमुख बातों पर नजर रखनी चाहिए:
- आने वाले तिमाही नतीजे: अभी नतीजों का सीजन बस शुरू हुआ है। आने वाले हफ्तों में Infosys, HDFC Bank, Reliance Industries और अन्य बड़ी कंपनियों के नतीजे बाजार की दिशा तय करेंगे।
- वैश्विक संकेत: अमेरिका और अन्य देशों के बीच व्यापारिक तनाव पर नजर रखना महत्वपूर्ण होगा। इससे जुड़ी कोई भी खबर बाजार को प्रभावित कर सकती है।
- Nifty के तकनीकी स्तर: जानकारों के मुताबिक, Nifty के लिए 25,000-25,200 का स्तर एक महत्वपूर्ण support zone है। अगर बाजार इस स्तर से नीचे जाता है, तो और गिरावट आ सकती है। वहीं, ऊपर की ओर 25,500 एक अहम resistance level बना हुआ है।
- मानसून की प्रगति: देश में मानसून की प्रगति और इसका ग्रामीण मांग पर असर भी बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण फैक्टर रहेगा।
कुल मिलाकर, बाजार में अभी कुछ समय तक उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे सावधानी बरतें और किसी भी निवेश निर्णय से पहले पूरी तरह से शोध करें।
यह लेख केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और निवेश पर सलाह नहीं है। निवेश से पहले अपना स्वयं का शोध अवश्य करें।
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