बाजार में FPI की भारी बिकवाली: Q2 नतीजों से पहले निवेशक क्यों हैं बेचैन?
अक्टूबर की शुरुआत में भारतीय शेयर बाजार में Foreign Portfolio Investors (FPIs) की रिकॉर्ड बिकवाली देखने को मिली। निवेशक दूसरी तिमाही के नतीजों से पहले सतर्क हैं, जिससे बाजार में अनिश्चितता का माहौल है।

अक्टूबर महीने की शुरुआत भारतीय शेयर बाजार के लिए थोड़ी मुश्किल रही। Foreign Portfolio Investors (FPIs) ने जमकर बिकवाली की, जिससे market में एक टेंशन का माहौल बन गया। यह एक अहम मोड़ है, खासकर तब, जब सभी निवेशक कंपनियों के दूसरी तिमाही (Q2) के नतीजों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
अक्टूबर में बाजार का हाल: आंकड़ों की जुबानी
नई तिमाही की शुरुआत के साथ ही बाजार में थोड़ी घबराहट देखी गई, जिसका सबसे बड़ा कारण विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार से पैसा निकालना था। आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर के पहले हफ्ते में FPI की selling ने बाजार पर भारी दबाव डाला, जिससे Nifty100 जैसे main indices में 3.61% तक की गिरावट देखी गई। यह गिरावट इसलिए भी खास है क्योंकि market अपने all-time high से करीब 5.20% नीचे आ गया था।
इस बिकवाली का असर कई बड़े और जाने-माने stocks पर भी साफ दिखा। Avenue Supermarts (DMart), Bharat Petroleum (BPCL), और Dabur India जैसे शेयरों में 10% तक की गिरावट दर्ज की गई। यह दिखाता है कि selling सिर्फ कुछ चुनिंदा शेयरों तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसका असर पूरे बाजार पर था।
इस भारी बिकवाली के पीछे की 4 बड़ी वजहें
Market experts का मानना है कि इस selling के पीछे कई global और domestic कारण हैं:
- Global Uncertainty: मिडिल-ईस्ट में तनाव और दुनिया भर में आर्थिक विकास की धीमी रफ्तार को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। ऐसे समय में, निवेशक अक्सर भारत जैसे उभरते बाजारों से पैसा निकालकर सोने या अमेरिकी डॉलर जैसे सुरक्षित विकल्पों में लगाते हैं।
- चीन के बाजारों का आकर्षण: कुछ analysts का यह भी मानना है कि निवेशक अपना ध्यान चीन के बाजारों की ओर लगा रहे हैं, जिन्होंने हाल में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है और अब वहां निवेश के बेहतर मौके दिख रहे हैं।
- Profit-Booking: भारतीय बाजारों ने पिछले कुछ समय में शानदार returns दिए हैं। ऐसे में FPIs का मुनाफा वसूलना यानी profit-booking करना एक सामान्य प्रक्रिया है।
- Q2 नतीजों का इंतजार: अक्टूबर का महीना कंपनियों के तिमाही नतीजों का सीजन होता है। निवेशक TCS जैसी बड़ी कंपनियों के results आने से पहले कोई बड़ा दांव लगाने से बच रहे हैं।
Retail Investors क्या करें? घबराएं या मौके का फायदा उठाएं?
बाजार में इस तरह की गिरावट retail investors के लिए एक मौका और चुनौती दोनों हो सकती है।
- घबराएं नहीं: बाजार में उतार-चढ़ाव आम बात है। FPI की selling अक्सर short-term होती है। अगर आपके portfolio में अच्छी कंपनियों के शेयर हैं, तो घबराहट में आकर बेचने से बचें।
- खरीदारी का मौका: गिरावट अच्छी कंपनियों के stocks को कम कीमतों पर खरीदने का मौका दे सकती है। अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो यह समय अच्छी कंपनियों में SIP या एकमुश्त निवेश करने के लिए सही हो सकता है।
- Research करें: किसी भी stock में निवेश करने से पहले कंपनी के fundamentals और भविष्य के plans पर अच्छी तरह से research करें। सिर्फ इसलिए निवेश न करें क्योंकि stock की कीमत गिर गई है।
आगे कैसी रहेगी बाजार की चाल? इन बातों पर रखें नजर
आने वाले हफ्ते बाजार के लिए काफी अहम होंगे। इन बातों पर नजर रखें:
- तिमाही नतीजे: इस महीने आने वाले कंपनियों के Q2 results बाजार की दिशा तय करेंगे। खासतौर पर IT, बैंकिंग और FMCG सेक्टर के नतीजों पर सबकी नजर रहेगी।
- FPI के आंकड़े: विदेशी निवेशकों की खरीद-बिक्री पर नजर रखना जरूरी होगा। अगर उनकी selling जारी रहती है, तो बाजार पर दबाव बना रह सकता है।
- RBI की नीतियां: हालांकि RBI ने हाल ही में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन भविष्य को लेकर उनकी commentary बाजार के सेंटिमेंट को प्रभावित कर सकती है।
- Global संकेत: अमेरिकी बाजार और कच्चे तेल की कीमतों जैसे global संकेतों का भी भारतीय बाजार पर सीधा असर पड़ेगा।
कुल मिलाकर, अक्टूबर की शुरुआत ने निवेशकों को सतर्क रहने का संदेश दिया है। बाजार में अनिश्चितता जरूर है, लेकिन यह long-term investors के लिए बेहतरीन मौके भी बना सकता है।
यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है और इसे निवेश की सलाह नहीं माना जाना चाहिए। निवेश से पहले अपनी खुद की रिसर्च जरूर करें।
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