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ESG Investing क्या है? भारत में बेहतर भविष्य के लिए एक गाइड

ESG Investing क्या है और यह भारतीय निवेशकों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है? जानें SEBI के नए नियम, ESG funds का प्रदर्शन और भारत में sustainable investing का भविष्य।

ESG Investing क्या है? भारत में बेहतर भविष्य के लिए एक गाइड

क्या आपने कभी सोचा है कि आपका पैसा सिर्फ आपके लिए मुनाफा ही न कमाए, बल्कि समाज और पर्यावरण के लिए भी कुछ अच्छा करे? अगर हाँ, तो ESG Investing आपके लिए ही है। यह सिर्फ एक नया शब्द नहीं, बल्कि investment की दुनिया में एक क्रांति है, जो भारत में तेजी से लोकप्रिय हो रही है।

आज के निवेशक सिर्फ return नहीं देख रहे, वे यह भी पक्का करना चाहते हैं कि उनका investment नैतिक और sustainable हो। यहीं पर ESG Investing की भूमिका आती है।

Key Takeaways:

  • ESG का मतलब: ESG का मतलब है Environmental (पर्यावरण), Social (सामाजिक), और Governance (शासन)। यह निवेश का एक तरीका है जिसमें इन तीन फैक्टर्स के आधार पर कंपनियों को परखा जाता है।
  • SEBI की भूमिका: Securities and Exchange Board of India (SEBI) ने टॉप 1000 listed कंपनियों के लिए Business Responsibility and Sustainability Report (BRSR) अनिवार्य कर दिया है, जिससे transparency बढ़ी है।
  • मकसद और मुनाफा: ESG investing में अक्सर यह बहस होती है कि क्या अच्छा काम करने वाली कंपनियां अच्छा मुनाफा भी दे सकती हैं। कुछ studies बेहतर risk-adjusted return दिखाती हैं, तो कुछ में performance कम भी रही है।

ESG Investing आखिर है क्या? (What is ESG?)

ESG Investing को आप “जिम्मेदार निवेश” भी कह सकते हैं। इसमें किसी भी कंपनी में invest करने से पहले सिर्फ उसके financial performance को नहीं देखा जाता, बल्कि तीन और महत्वपूर्ण पैमानों पर भी उसे परखा जाता है:

  1. Environmental (पर्यावरण): कंपनी पर्यावरण के प्रति कितनी जिम्मेदार है? क्या वह प्रदूषण कम करने, पानी बचाने, या green energy का उपयोग करने जैसे कदम उठा रही है?
  2. Social (सामाजिक): कंपनी अपने कर्मचारियों, ग्राहकों और समाज के साथ कैसा व्यवहार करती है? इसमें कर्मचारी कल्याण, मानवाधिकार, ग्राहक सुरक्षा और सामुदायिक विकास जैसी बातें शामिल हैं।
  3. Governance (शासन): कंपनी का management कितना पारदर्शी और ईमानदार है? क्या शेयरधारकों के हितों की रक्षा की जाती है? क्या कंपनी में भ्रष्टाचार-विरोधी नीतियां हैं?

पारंपरिक निवेश सिर्फ मुनाफे पर focus करता है, जबकि ESG निवेश long-term sustainability और risk management पर भी ध्यान देता है।

ESG के तीन स्तंभ: पर्यावरण, सामाजिक और शासन को दर्शाने वाला एक चित्र।

भारत में ESG Funds का बढ़ता चलन

जैसे-जैसे निवेशकों में जागरूकता बढ़ी है, वैसे-वैसे ESG-केंद्रित mutual funds और ETF की मांग भी बढ़ी है। COVID-19 के बाद इसमें एक बड़ा उछाल देखा गया।

  • AUM में वृद्धि: जनवरी 2020 में भारतीय ESG mutual funds का कुल Assets Under Management (AUM) लगभग ₹2,747 करोड़ था, जो दिसंबर 2021 तक बढ़कर ₹12,544 करोड़ हो गया।
  • हालिया Trend: हालांकि, हाल के दिनों में कुछ ESG funds से पैसा निकाला भी गया है, क्योंकि निवेशकों का ध्यान फिर से पारंपरिक क्षेत्रों की ओर गया है। इसके बावजूद, मार्च 2024 तक ESG funds का AUM लगभग ₹10,820 करोड़ के स्तर पर बना हुआ है, जो इसकी मजबूती को दर्शाता है।

यह उतार-चढ़ाव दिखाता है कि भारतीय बाजार अभी भी ESG की अवधारणा को अपना रहा है, लेकिन इसका भविष्य उज्ज्वल नजर आता है।

SEBI के नए नियम और Transparency

ESG निवेश को बढ़ावा देने में regulators की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। SEBI ने इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।

SEBI ने Business Responsibility and Sustainability Report (BRSR) को अनिवार्य कर दिया है। यह नियम वित्त वर्ष 2022-23 से market capitalization के हिसाब से भारत की टॉप 1000 listed कंपनियों पर लागू होता है।

BRSR report में कंपनियों को अपने ESG performance के बारे में विस्तृत जानकारी देनी होती है, जैसे:

  • बिजली और पानी की खपत
  • Greenhouse gas emissions
  • कर्मचारियों का कल्याण और विविधता
  • ग्राहक शिकायतों का निवारण
  • भ्रष्टाचार विरोधी नीतियां

इस कदम से निवेशकों को कंपनियों के ESG performance के बारे में विश्वसनीय data मिलता है, जिससे वे बेहतर निवेश निर्णय ले सकते हैं।

एक निवेशक SEBI के BRSR दस्तावेज़ का विश्लेषण कर रहा है, जो transparency और अनुपालन को दर्शाता है।

मकसद और Performance में संतुलन: एक चुनौती

ESG निवेशकों के सामने सबसे बड़ा सवाल यही होता है: क्या अच्छा करने वाली कंपनियां अच्छा return भी देती हैं?

यह एक जटिल सवाल है। कुछ research से पता चलता है कि मजबूत ESG प्रथाओं वाली कंपनियां लंबे समय में बेहतर प्रदर्शन करती हैं और उनमें risk कम होता है। वहीं, कुछ अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि ESG funds ने कुछ समय अवधियों में पारंपरिक funds की तुलना में कम return दिया है।

चुनौतियाँ:

  • Data की कमी: कंपनियों के ESG performance को मापने के लिए standardized डेटा की कमी एक बड़ी चुनौती है।
  • Greenwashing: कुछ कंपनियां खुद को पर्यावरण के अनुकूल दिखाने का दिखावा करती हैं, जबकि असल में वे वैसा कुछ नहीं करतीं। इसे “Greenwashing” कहते हैं।
  • जागरूकता: अभी भी कई निवेशकों को ESG के फायदों के बारे में पूरी जानकारी नहीं है।

भारत में Sustainable Investing का भविष्य

चुनौतियों के बावजूद, भारत में ESG निवेश का भविष्य उज्ज्वल दिख रहा है।

  • सरकारी नीतियां: भारत सरकार ने 2070 तक net-zero emission का लक्ष्य रखा है और green energy को बढ़ावा दे रही है। इससे उन कंपनियों को फायदा होगा जो sustainability पर focus कर रही हैं।
  • बढ़ती जागरूकता: युवा और मिलेनियल निवेशक अपने निवेश के प्रभाव को लेकर अधिक जागरूक हो रहे हैं।
  • Global Trends: दुनिया भर के बड़े निवेशक भारत में ESG अवसरों पर नजर गड़ाए हुए हैं।

ESG निवेश सिर्फ एक trend नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा बदलाव है जो भारतीय शेयर बाजार को आने वाले दशकों में एक नई दिशा देगा। यह निवेशकों को न केवल धन बनाने का, बल्कि एक बेहतर और sustainable भविष्य बनाने में योगदान करने का भी अवसर देता है।

Disclaimer: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और निवेश पर सलाह नहीं है। निवेश से पहले अपना खुद का research अवश्य करें।

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