Financial Statements को कैसे पढ़ें: एक Beginner's Guide
किसी भी company में invest करने से पहले उसके financial statements को समझना ज़रूरी है। यह guide आपको Balance Sheet, Income Statement और Cash Flow Statement को आसानी से समझने में मदद करेगी।

किसी भी company में invest करना एक घर खरीदने जैसा है। जैसे आप घर खरीदने से पहले उसकी नींव, दीवारों की मजबूती और location की जांच करते हैं, वैसे ही किसी company के share खरीदने से पहले उसकी financial health की जांच करना बेहद ज़रूरी है। यह जांच company के Annual Report में मौजूद Financial Statements को पढ़कर की जाती है।
शुरुआत में ये statements मुश्किल लग सकते हैं, लेकिन असल में ये company की कहानी बताते हैं - कि company के पास क्या है, वह कितना कमा रही है, और उसके पास cash कहाँ से आ रहा है और कहाँ जा रहा है। चलिए, इस कहानी को पढ़ना सीखते हैं।
Key Takeaways
- तीन मुख्य Financial Statements: किसी भी company को समझने के लिए तीन मुख्य documents हैं - Balance Sheet, Income Statement (P&L), और Cash Flow Statement.
- Balance Sheet: यह एक तय दिन पर company की financial position का एक snapshot है। यह बताती है कि company के पास कितनी संपत्ति (Assets) है और कितनी देनदारी (Liabilities) है।
- Income Statement (P&L): यह एक तय period (जैसे एक quarter या एक साल) में company के मुनाफे या घाटे को दिखाता है।
- Cash Flow Statement: यह बताता है कि एक period में company के अंदर और बाहर cash का flow कैसा रहा। यह company की liquidity जानने के लिए महत्वपूर्ण है।
Balance Sheet: कंपनी की Financial Health का Snapshot
Balance Sheet को आप company की financial health का एक snapshot समझ सकते हैं। यह एक तय तारीख पर बताती है कि company के पास क्या-क्या है (Assets) और उसे दूसरों को क्या देना है (Liabilities)।
इसका एक fundamental accounting equation है जो हमेशा balance रहता है:
Assets = Liabilities + Shareholders’ Equity
इसका मतलब है कि company की कुल संपत्ति (Assets) या तो कर्ज (Liabilities) से खरीदी गई है या फिर मालिकों (Shareholders) के पैसे से।
-
Assets (संपत्ति): ये वो सभी resources हैं जो company के पास हैं और जिनकी economic value है।
- Current Assets: ऐसी संपत्ति जिसे एक साल के अंदर cash में बदला जा सकता है, जैसे cash, inventory (बिक्री के लिए रखा माल), और accounts receivable (ग्राहकों से मिलने वाला पैसा)।
- Non-Current Assets: Long-term assets, जैसे ज़मीन, factory, मशीनरी और लंबे समय के लिए किए गए investments।
-
Liabilities (देनदारियाँ): यह वह पैसा है जो company को दूसरों को चुकाना है।
- Current Liabilities: ऐसे कर्ज जो एक साल के अंदर चुकाने हैं, जैसे short-term loans और accounts payable (सप्लायर्स को देने वाला पैसा)।
- Non-Current Liabilities: Long-term कर्ज, जैसे long-term loans और bonds।
-
Shareholders’ Equity (शेयरधारकों की इक्विटी): यह company में मालिकों (shareholders) का हिस्सा है। अगर company अपनी सारी assets बेचकर सारी liabilities चुका दे, तो जो पैसा बचेगा, वह Shareholders’ Equity है। इसे company की Net Worth भी कहा जाता है।
एक मज़बूत Balance Sheet में Assets, liabilities से ज़्यादा होनी चाहिए और कर्ज का level control में होना चाहिए।
Income Statement (P&L): कंपनी के मुनाफे का Report Card
Income Statement, जिसे Profit and Loss (P&L) Statement भी कहते हैं, यह बताता है कि एक तय period (जैसे एक quarter या एक साल) में company ने कितना पैसा कमाया और कितना खर्च किया। यह company की profitability और growth को समझने के लिए सबसे ज़रूरी है।
इसे ऊपर से नीचे पढ़ा जाता है:
- Revenue (आय): यह company द्वारा अपने products या services बेचकर कमाया गया कुल पैसा है। इसे “Top Line” भी कहते हैं।
- Cost of Goods Sold (COGS): बेचे गए माल को बनाने की सीधी लागत।
- Gross Profit (सकल लाभ):
Revenue - COGS
. यह company के core business की profitability को दिखाता है। - Operating Expenses (परिचालन व्यय): Business चलाने के दूसरे खर्चे, जैसे staff की salary, marketing और office का किराया।
- Operating Income (EBIT):
Gross Profit - Operating Expenses
. यह company के main operations से हुए मुनाफे को दिखाता है। - Net Profit (शुद्ध लाभ): सभी खर्चे, ब्याज और tax चुकाने के बाद जो पैसा बचता है, उसे Net Profit या “Bottom Line” कहते हैं। यही वह मुनाफा है जो shareholders के लिए उपलब्ध होता है।
लगातार बढ़ता हुआ Revenue और Net Profit एक healthy company की निशानी है।
Cash Flow Statement: Cash is King - क्यों?
एक company P&L statement पर profitable दिख सकती है, लेकिन अगर वह अपने customers से समय पर cash collect नहीं कर पा रही है, तो उसे मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। यहीं पर Cash Flow Statement की भूमिका आती है।
यह statement दिखाता है कि एक period में company के पास cash कहाँ से आया और कहाँ खर्च हुआ। इसे तीन भागों में बांटा गया है:
- Cash Flow from Operating Activities (CFO): यह company के main business operations से आए cash को दिखाता है। एक healthy company के लिए इसका positive होना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि यह दिखाता है कि company बाहरी financing के बिना खुद को चला सकती है।
- Cash Flow from Investing Activities (CFI): यह long-term assets (जैसे मशीनरी खरीदना) की खरीद और बिक्री से जुड़ा cash flow दिखाता है। Negative CFI अक्सर यह संकेत देता है कि company भविष्य की growth के लिए invest कर रही है।
- Cash Flow from Financing Activities (CFF): यह investors और lenders से cash जुटाने और चुकाने की activities को दिखाता है, जैसे share जारी करना, कर्ज लेना, या dividend चुकाना।
ये तीनों Statements आपस में कैसे जुड़े हैं?
ये तीनों statements अलग-अलग नहीं हैं, बल्कि एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हैं और मिलकर company की पूरी financial picture दिखाते हैं।
- Income Statement का Net Profit, Balance Sheet में Shareholders’ Equity के ‘Retained Earnings’ हिस्से में जुड़ जाता है।
- Cash Flow Statement का अंतिम closing cash balance, अगले साल की Balance Sheet में Current Assets के तहत ‘Cash’ के रूप में दिखाई देता है।
- Balance Sheet पर दिखने वाले Debt पर चुकाया गया Interest Expense, Income Statement में एक खर्चे के तौर पर दिखता है।
एक smart investor बनने के लिए, इन तीनों statements को एक साथ पढ़ना और analyze करना ज़रूरी है। यह आपको किसी भी company की असली financial condition को समझने और बेहतर investment decision लेने में मदद करेगा।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के लिए है और investment की सलाह नहीं है। निवेश करने से पहले अपनी research ज़रूर करें।
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Investments in the securities market are subject to market risks, read all the related documents carefully before investing.
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