IEX का शेयर 28% क्यों टूटा? Market Coupling का पूरा Analysis
गुरुवार, 24 जुलाई 2025 को Indian Energy Exchange (IEX) के शेयर में 28% की भारी गिरावट आई। जानिए इस गिरावट के पीछे CERC के 'Market Coupling' फैसले का क्या मतलब है और इसका retail निवेशकों पर क्या असर होगा।

गुरुवार, 24 जुलाई 2025 का दिन Indian Energy Exchange (IEX) के investors के लिए एक ‘Black Thursday’ साबित हुआ। एक ही झटके में stock 28% तक टूट गया, जिससे निवेशकों में हड़कंप मच गया। यह गिरावट सिर्फ एक सामान्य बाजार उतार-चढ़ाव नहीं थी, बल्कि इसके पीछे एक बड़ी नीतिगत घोषणा थी जिसने IEX के पूरे business model पर ही सवालिया निशान लगा दिया है।
तो आखिर ऐसा क्या हुआ? इस तेज गिरावट की वजह Central Electricity Regulatory Commission (CERC) का एक फैसला है, जिसे ‘Market Coupling’ कहा जा रहा है। आइए, इस पूरे मामले को आसान भाषा में समझते हैं और जानते हैं कि एक retail investor के तौर पर आपके लिए इसके क्या मायने हैं।
IEX के साथ आखिर हुआ क्या?
गुरुवार को जैसे ही बाजार खुला, IEX के शेयर पर भारी selling pressure देखा गया। कुछ ही घंटों में, शेयर BSE पर 28% गिरकर अपने 52-हफ्ते के निचले स्तर ₹135.26 पर आ गया। दिन के अंत में, भारी volume के साथ stock में बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
इस तबाही का केंद्र CERC का वह आदेश था जिसमें भारत के power exchanges के लिए ‘Market Coupling’ को चरणबद्ध तरीके से लागू करने की मंजूरी दी गई। यह खबर IEX के लिए बहुत बड़ी निगेटिव थी, क्योंकि यह exchange भारत के power trading business में लगभग monopoly रखता है।
क्या है Market Coupling और क्यों यह IEX के लिए ‘खतरे की घंटी’ है?
इसे समझने के लिए, पहले IEX के काम करने का तरीका जानते हैं। IEX एक platform है जहां power producers और बिजली खरीदने वाली कंपनियां (जैसे distribution companies) बिजली की खरीद-बिक्री के लिए bids लगाती हैं। IEX इन bids के आधार पर बिजली की कीमत (price discovery) तय करता है और हर transaction पर एक छोटी सी fee लेता है। चूंकि भारत में 90% से ज्यादा बिजली का व्यापार IEX पर होता है, इसलिए price discovery में इसकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।
अब आते हैं ‘Market Coupling’ पर।
Market Coupling एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें सभी power exchanges (जैसे IEX, PXIL, और HPX) से आने वाली खरीद और बिक्री की bids को एक जगह इकट्ठा (pool) किया जाएगा। फिर एक केंद्रीय एजेंसी इन सभी bids के आधार पर एक समान बाजार मूल्य (uniform market price) तय करेगी।
यह IEX के लिए एक बड़ा झटका है क्योंकि:
- Price Discovery की भूमिका खत्म: Market Coupling लागू होने के बाद, IEX की कीमत तय करने की अनोखी शक्ति खत्म हो जाएगी। यह काम एक केंद्रीय एजेंसी करेगी।
- Competition बढ़ेगा: अभी तक IEX अपने विशाल नेटवर्क और volume के कारण बाजार में हावी था। नई व्यवस्था में, सभी exchanges एक समान स्तर पर आ जाएंगे, जिससे IEX की monopoly खत्म हो सकती है और उसे दूसरे exchanges से कड़े competition का सामना करना पड़ेगा।
- Revenue पर असर: जब IEX की मुख्य भूमिका (price discovery) ही खत्म हो जाएगी, तो उसकी कमाई पर सीधा असर पड़ना तय है। निवेशक इसी डर से stock बेच रहे हैं।
CERC ने कहा है कि इस व्यवस्था को जनवरी 2026 तक Day-Ahead Market (DAM) के लिए लागू करने का लक्ष्य है, जो IEX के लिए सबसे बड़ा और सबसे अधिक लाभदायक segment है।
Market और Experts की क्या है राय?
बाजार ने इस खबर पर बहुत तीखी प्रतिक्रिया दी। यह घोषणा IEX के तिमाही नतीजों से ठीक पहले आई, जिसने निवेशकों की घबराहट को और बढ़ा दिया। कई ब्रोकरेज रिपोर्ट्स के अनुसार, इस खबर के बाद IEX के शेयर में 20% से अधिक की गिरावट देखी गई।
Analysts का मानना है कि यह IEX के लिए एक structural बदलाव है, न कि कोई अस्थायी समस्या। उनका मानना है कि जब तक इस पर पूरी तरह से स्पष्टता नहीं आ जाती, तब तक stock पर दबाव बना रह सकता है। Market Coupling से IEX का ‘economic moat’ यानी उसकी प्रतिस्पर्धी बढ़त कमजोर हो सकती है, जो इतने सालों से उसकी मजबूती का कारण रही है।
एक Investor के तौर पर अब आपको क्या करना चाहिए?
एक निवेशक के रूप में, आपको कुछ प्रमुख चीजों पर नजर रखनी चाहिए:
- CERC की Guidelines: आने वाले महीनों में CERC इस प्रक्रिया को कैसे लागू करेगा, इस पर विस्तृत दिशानिर्देश जारी करेगा। इन guidelines से पता चलेगा कि IEX पर वास्तविक प्रभाव कितना गहरा होगा।
- IEX का Management: कंपनी का management इस चुनौती से निपटने के लिए क्या रणनीति अपनाता है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। क्या वे अपने business model में विविधता लाएंगे या कोई और रास्ता निकालेंगे?
- Quarterly Results: हालांकि Market Coupling का असर भविष्य में दिखेगा, लेकिन कंपनी के मौजूदा तिमाही नतीजे उसके वित्तीय स्वास्थ्य का संकेत देंगे।
- Technical Levels: शेयर अब अपने 52-हफ्ते के निचले स्तर पर है। यहां से यह support लेता है या और फिसलता है, इस पर नजर रखना जरूरी होगा।
साफ है कि IEX के लिए आने वाला रास्ता मुश्किलों भरा है। Market Coupling का खतरा कंपनी के ‘अच्छे दिनों’ पर ग्रहण लगा सकता है। अगर आप एक निवेशक हैं, तो कोई भी फैसला लेने से पहले CERC की अंतिम गाइडलाइन्स का इंतजार करें और कंपनी के प्रदर्शन पर पैनी नजर रखें। यह घटना इस बात का एक बड़ा उदाहरण है कि कैसे एक regulatory बदलाव किसी कंपनी के भविष्य को प्रभावित कर सकता है, खासकर जब कंपनी का business एक तरह की monopoly पर आधारित हो।
यह लेख केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और निवेश पर सलाह नहीं है। निवेश से पहले अपना स्वयं का शोध अवश्य करें।
Test Your Knowledge

Demat Account खोलें
अपना investment सफर शुरू करें – Upstox के साथ Low Brokerage और आसान trading।
Investments in the securities market are subject to market risks, read all the related documents carefully before investing.
Related Articles

अमेरिकी टैरिफ की मार से भारतीय बाज़ार में हाहाकार: निवेशकों को अब क्या करना चाहिए?
अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारतीय सामानों पर टैरिफ दोगुना करने की घोषणा के बाद भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट आई। सेंसेक्स 700 से अधिक अंक टूट गया और निफ्टी 24,400 के नीचे फिसल गया। जानिए इस गिरावट का कारण और आगे की रणनीति।

RBI ने Repo Rate नहीं बदला, फिर भी शेयर बाज़ार क्यों गिरा? जानें 5 बड़े कारण
RBI की Monetary Policy Committee ने repo rate को 5.50% पर स्थिर रखा, लेकिन फिर भी Sensex और Nifty लाल निशान में बंद हुए। जानिए इस फैसले का आपके निवेश और portfolio पर क्या असर पड़ेगा।

अमेरिकी टैरिफ का झटका: भारतीय बाजार में उथल-पुथल, अब निवेशकों को क्या करना चाहिए?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारतीय सामानों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा से भारतीय शेयर बाजार में हड़कंप मच गया। Sensex और Nifty में भारी गिरावट के बाद थोड़ी रिकवरी हुई, लेकिन निवेशकों के मन में अनिश्चितता बनी हुई है।