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डोनाल्ड ट्रम्प की धमकी से भारतीय बाज़ार में गिरावट: निवेशकों को अब क्या जानना चाहिए?

मंगलवार, 5 अगस्त 2025 को, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की एक धमकी ने भारतीय शेयर बाज़ार में हड़कंप मचा दिया। उन्होंने भारत पर भारी tariff लगाने की बात कही, जिससे Sensex और Nifty दोनों में बड़ी गिरावट देखी गई।

डोनाल्ड ट्रम्प की धमकी से भारतीय बाज़ार में गिरावट: निवेशकों को अब क्या जानना चाहिए?

मंगलवार, 5 अगस्त 2025, का दिन भारतीय शेयर बाज़ार के लिए एक बड़ा झटका लेकर आया। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की एक धमकी ने investors में चिंता पैदा कर दी, जिसके चलते market लाल निशान में बंद हुआ।

यह सब तब शुरू हुआ जब डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने social media platform ‘Truth Social’ पर भारत पर भारी-भरकम tariff लगाने की धमकी दी। उन्होंने इसका कारण भारत का रूस से कच्चा तेल खरीदना और उसे refine करके बेचना बताया। इस एक खबर ने market का पूरा mood बिगाड़ दिया और बिकवाली का दबाव बढ़ गया।

बाजार का हाल: Sensex और Nifty में बड़ी गिरावट

दिन के अंत में, BSE Sensex 308.47 अंक (0.38%) गिरकर 80,710.25 पर बंद हुआ। वहीं, NSE Nifty 50 भी 73.20 अंक (0.30%) की गिरावट के साथ 24,649.55 पर बंद हुआ। Trading के दौरान Sensex एक समय 400 से ज्यादा अंक तक गिर गया था, लेकिन बाद में थोड़ी recovery देखी गई।

Market की चौड़ाई भी negative रही, यानी गिरने वाले stocks की संख्या बढ़ने वालों की तुलना में ज्यादा थी। NSE पर लगभग 1604 shares गिरे, जबकि सिर्फ 1039 shares ही बढ़त बनाने में कामयाब रहे।

Stock market graph showing a downward trend with red arrows, symbolizing the fall in Sensex and Nifty.

इस गिरावट के पीछे का मुख्य कारण क्या था?

इस गिरावट का सबसे बड़ा और सीधा कारण डोनाल्ड ट्रम्प का बयान था। इसका सीधा असर उन भारतीय कंपनियों पर पड़ेगा जो अमेरिका को export करती हैं।

Analysts का मानना है कि market ने अब तक इस तरह के बड़े event की आशंका को पूरी तरह से price-in नहीं किया था। Geojit Investments के Chief Investment Strategist, वी.के. विजयकुमार ने कहा, “यह एक बड़ा खतरा है। अगर वह अपनी बात पर अमल करते हैं, तो भारत-अमेरिका संबंधों में और तनाव आएगा और US को होने वाले भारतीय export पर इसका असर हमारी सोच से कहीं ज्यादा बुरा हो सकता है।“

इस खबर ने बाजार में पहले से मौजूद चिंताओं, जैसे कुछ कंपनियों के मिले-जुले तिमाही नतीजे और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की लगातार बिकवाली, को और बढ़ा दिया।

कौन से Sectors सबसे ज्यादा प्रभावित हुए?

ट्रम्प की धमकी का असर लगभग सभी sectors पर दिखा, लेकिन कुछ पर इसका प्रभाव ज्यादा था:

  • Oil & Gas: यह sector सबसे ज्यादा गिरने वालों में से एक था। Nifty Oil and Gas index में लगभग 0.96% की गिरावट आई।
  • Pharma और IT: ये दोनों sectors भी दबाव में रहे, क्योंकि इनकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा अमेरिकी market से आता है।
  • Auto Sector: इस गिरावट के बीच Auto sector ने थोड़ी मजबूती दिखाई और हरे निशान में बंद होने में कामयाब रहा।

Titan, Maruti Suzuki, और Trent जैसे stocks Nifty के top gainers में शामिल थे, जबकि Adani Ports, Reliance Industries, और Infosys जैसे बड़े नाम top losers की लिस्ट में थे।

A world map highlighting trade routes between India and the USA, with a large tariff symbol over the route.

Retail Investors के लिए इसका क्या मतलब है?

ऐसी खबरें retail investors के लिए अनिश्चितता (uncertainty) पैदा करती हैं। जब market global events पर इस तरह react करता है, तो घबराहट में आकर गलत फैसले लेना आसान होता है। लेकिन, यह याद रखना जरूरी है कि इस तरह के geo-political बयान अक्सर market में short-term volatility लाते हैं।

Investors को सलाह दी जाती है कि वे अपने long-term financial goals पर focus करें। अपने portfolio को diversify करना और अच्छी quality वाली कंपनियों में निवेश बनाए रखना, ऐसी volatility से बचने का सबसे अच्छा तरीका है। जल्दबाजी में बिकवाली करने से बचें।

आगे क्या देखना है? (What to Watch Next)

  • RBI की Monetary Policy: जल्द होने वाली RBI की policy meeting भी market की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगी। ब्याज दरों पर RBI का रुख महत्वपूर्ण होगा।
  • Nifty के Technical Levels: Experts के मुताबिक, Nifty के लिए 24,550 एक महत्वपूर्ण support level है। अगर market इससे नीचे जाता है, तो और गिरावट देखी जा सकती है। ऊपर की ओर, 24,800 एक resistance level बना हुआ है।
  • भारत सरकार की प्रतिक्रिया: भारत सरकार इस tariff की धमकी पर कैसे react करती है, यह देखना भी अहम होगा। भारत ने पहले ही साफ किया है कि उसने रूसी तेल का import तभी शुरू किया, जब European देशों ने पारंपरिक सप्लायर्स से तेल खरीदना शुरू कर दिया था।

कुल मिलाकर, अगले कुछ दिन market के लिए उतार-चढ़ाव भरे हो सकते हैं। Investors को सलाह है कि वे शांत रहें, खबरों पर नजर रखें और कोई भी investment decision लेने से पहले अपनी research जरूर करें।


यह लेख केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और निवेश पर सलाह नहीं है। निवेश से पहले अपना स्वयं का शोध अवश्य करें।

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