क्यों फिसला शेयर बाजार? Profit Booking और Global संकेतों ने Sensex-Nifty को गिराया
बुधवार को भारतीय शेयर बाजार में शुरुआती तेजी के बाद गिरावट देखी गई। Profit booking, विदेशी फंडों की बिकवाली और global संकेतों के दबाव में Sensex और Nifty लाल निशान में बंद हुए। जानिए इसके पीछे के मुख्य कारण और आगे investors को क्या ध्यान रखना चाहिए।

बुधवार, 2 जुलाई 2025, का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए एक रोलर-कोस्टर राइड जैसा रहा। सुबह बाजार ने अच्छी शुरुआत की, लेकिन दिन चढ़ने के साथ ही यह अपनी बढ़त गंवा बैठा और profit booking के दबाव में आ गया। दिन के अंत में, दोनों main indices—BSE Sensex और NSE Nifty 50—लाल निशान में बंद हुए।
आज बाजार में हुआ क्या?
एक मजबूत शुरुआत के बावजूद, बाजार में बिकवाली का दबाव हावी हो गया, जिसकी अगुवाई HDFC Bank, Larsen & Toubro (L&T), और Reliance Industries जैसे heavyweight stocks ने की। Sensex 287.60 अंक (0.34%) गिरकर 83,409.69 पर बंद हुआ, जबकि Nifty 88.40 अंक (0.35%) की गिरावट के साथ 25,453.40 पर बंद हुआ।
यह गिरावट दिखाती है कि market में अभी भी उतार-चढ़ाव (volatility) है और निवेशक थोड़ा सतर्क हैं, खासकर तब जब बाजार अपने ऑल-टाइम हाई के करीब trade कर रहा है।
गिरावट के पीछे के 4 मुख्य कारण
बाजार के इस उतार-चढ़ाव के पीछे कई national और international factors जिम्मेदार थे:
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बड़े Stocks में Profit Booking: बाजार की गिरावट में सबसे बड़ा हाथ कुछ बड़े और प्रभावशाली stocks का रहा। Investors ने HDFC Bank, L&T, Bajaj Finserv, और Kotak Mahindra Bank जैसे शेयरों में मुनाफावसूली की, जिससे indices पर दबाव बढ़ा।
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Foreign Investors (FIIs) की बिकवाली: विदेशी संस्थागत निवेशकों (Foreign Institutional Investors or FIIs) द्वारा लगातार बिकवाली ने भी बाजार के sentiment को कमजोर किया। विदेशी पूंजी का बाहर जाना अक्सर बाजार में एक निगेटिव संकेत माना जाता है, क्योंकि यह बाहरी निवेशकों के भरोसे में कमी को दिखाता है।
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कमजोर Global संकेत: अंतरराष्ट्रीय बाजारों, खासकर अमेरिकी बाजार के मिले-जुले संकेतों का असर भी भारतीय बाजार पर पड़ा। अमेरिका द्वारा लगाए जाने वाले tariff की deadline नजदीक आने से निवेशकों में एक तरह की बेचैनी है, जिसके चलते वे जोखिम लेने से बच रहे हैं।
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Q1 Results का इंतजार: बाजार अब अप्रैल-जून तिमाही के नतीजों (quarterly results) का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। नतीजों से पहले, निवेशक अक्सर सतर्क रहते हैं और बड़े दांव लगाने से बचते हैं। बाजार को उम्मीद है कि कंपनियों के नतीजे अच्छे रहेंगे, लेकिन कोई भी निगेटिव सरप्राइज माहौल को और खराब कर सकता है।
कुछ Stocks ने दिखाया दम
इस गिरावट के माहौल में भी कुछ शेयरों ने अच्छा प्रदर्शन किया। Tata Steel, Asian Paints, और UltraTech Cement जैसे शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। इसके अलावा, कुछ कंपनियों से जुड़ी पॉजिटिव खबरों ने भी उनके stocks को मजबूती दी:
- Bharat Forge: कंपनी द्वारा AAM India Manufacturing के अधिग्रहण की खबर के बाद इसके शेयर में 2% से अधिक की तेजी आई।
- HDB Financial Services: HDFC Bank की इस सहायक कंपनी की listing शानदार रही और यह अपने issue price से लगभग 14% ऊपर बंद हुई।
- JSW Energy: कंपनी की सहायक कंपनी द्वारा राजस्थान में एक बड़े बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम के लिए समझौता करने की खबर से stock में पॉजिटिव रुझान दिखा।
आगे क्या हो सकता है?
Market experts का मानना है कि आने वाले कुछ समय तक बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है। Investors को इन बातों पर ध्यान देना चाहिए:
- US Tariff की Deadline: 9 जुलाई को अमेरिका द्वारा tariff लगाने की deadline एक महत्वपूर्ण घटना होगी, जिसका असर global markets पर पड़ सकता है।
- Quarterly Results: जैसे-जैसे कंपनियां अपने तिमाही नतीजे घोषित करना शुरू करेंगी, बाजार में stock-specific हलचल बढ़ेगी। अच्छे नतीजे वाले शेयरों में तेजी आ सकती है।
- Nifty के Technical Levels: जानकारों के मुताबिक, Nifty के लिए 25,250 एक महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल (support level) है, यानी वो स्तर जहां से बाजार वापस ऊपर जा सकता है। वहीं, ऊपर की ओर 25,700 पर प्रतिरोध (resistance) देखा जा सकता है, जहां बिकवाली का दबाव बढ़ सकता है।
- FIIs का Flow: FIIs के निवेश पैटर्न पर नजर रखना महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि उनकी वापसी से बाजार को बड़ा सहारा मिल सकता है।
Retail निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे घबराहट में आकर बिकवाली न करें, बल्कि सावधानी बरतें। अपने portfolio में विविधता (diversification) बनाए रखें और कोई भी निवेश करने से पहले अच्छी तरह रिसर्च करें।
यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है और इसे निवेश की सलाह नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी निवेश से पहले कृपया अपना खुद का शोध करें या किसी सर्टिफाइड फाइनेंसियल एडवाइजर से सलाह लें।
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