शेयर बाजार की ABCD: Day 1 - जानें शेयर, BSE/NSE और बाजार के बेसिक्स
शेयर बाजार की 5-दिवसीय सीरीज के पहले दिन में आपका स्वागत है। आज हम जानेंगे कि शेयर क्या होता है, BSE और NSE में क्या अंतर है, और बाजार कैसे काम करता है।

नमस्ते दोस्तों!
शेयर बाजार की दुनिया में आपका स्वागत है। अगर आप “Share Market”, “Nifty”, “Sensex” जैसे शब्द सुनकर थोड़ा घबरा जाते हैं या सोचते हैं कि यह सब बहुत मुश्किल है, तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं।
हमारी इस 5-दिन की Blog Series में हम आपको Stock Market की A-B-C-D सिखाएंगे, वो भी बिल्कुल सरल भाषा में। आज Day 1 है, और हम एकदम बेसिक से शुरू करेंगे। तो चलिए, इस रोमांचक सफर की शुरुआत करते हैं!
शेयर क्या होता है? (What Is a Share?)
मान लीजिए कि एक बहुत बड़ी कंपनी, जैसे Reliance या TCS, एक बड़े पिज्जा की तरह है। अब, अगर आप उस पिज्जा का एक छोटा सा टुकड़ा खरीद लेते हैं, तो आप उस पिज्जा के हिस्सेदार बन जाते हैं, है ना?
ठीक इसी तरह, एक शेयर (Share) किसी भी कंपनी की ओनरशिप (ownership) या हिस्सेदारी का सबसे छोटा हिस्सा होता है। जब आप किसी कंपनी का एक शेयर खरीदते हैं, तो आप असल में उस कंपनी में एक बहुत छोटी सी हिस्सेदारी खरीद रहे होते हैं। इसे इक्विटी (Equity) भी कहा जाता है।
इसका मतलब है कि आप उस कंपनी के मुनाफे और नुकसान में भागीदार बन जाते हैं। अगर कंपनी अच्छा performance करती है और उसका मुनाफा बढ़ता है, तो आपके खरीदे हुए शेयर की कीमत भी बढ़ती है।
BSE vs. NSE: भारत के दो सबसे बड़े Stock Exchange
तो अब सवाल यह है कि ये शेयर खरीदे और बेचे कहां जाते हैं? इसके लिए हमारे देश में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) हैं, जहां कंपनियों के शेयर लिस्ट होते हैं। आप इन्हें शेयरों का ‘बाजार’ या ‘मंडी’ समझ सकते हैं।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE)
- यह Bombay Stock Exchange का छोटा नाम है।
- यह एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है, जिसकी स्थापना 1875 में हुई थी।
- BSE का मुख्य इंडेक्स Sensex है, जो BSE में लिस्टेड 30 सबसे बड़ी और सबसे एक्टिव कंपनियों के performance को मापता है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)
- यह National Stock Exchange का छोटा नाम है।
- इसे 1992 में स्थापित किया गया था और यह भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है, खासकर Trading Volume के मामले में।
- NSE का मुख्य इंडेक्स Nifty 50 है, जो NSE पर लिस्टेड 50 प्रमुख कंपनियों के performance को ट्रैक करता है।
आज के समय में, ज्यादातर बड़ी कंपनियां BSE और NSE दोनों पर लिस्टेड होती हैं, इसलिए आप किसी भी एक्सचेंज के माध्यम से उनके शेयर खरीद सकते हैं।
शेयर बाजार काम कैसे करता है?
शेयर बाजार का काम करने का तरीका बहुत सीधा है: यह खरीदारों (Buyers) और बेचने वालों (Sellers) को एक प्लेटफॉर्म पर लाता है।
जब आप कोई शेयर खरीदना चाहते हैं, तो आप एक ‘Buy Order’ डालते हैं। इसी तरह, जब कोई शेयर बेचना चाहता है, तो वह ‘Sell Order’ डालता है। ये सभी Orders एक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में जाते हैं जिसे ऑर्डर बुक (Order Book) कहते हैं।
यहां दो महत्वपूर्ण शब्द आते हैं:
- बिड प्राइस (Bid Price): यह वह अधिकतम कीमत है जो एक buyer किसी शेयर के लिए देने को तैयार है।
- आस्क प्राइस (Ask Price): यह वह न्यूनतम कीमत है जिस पर एक seller अपना शेयर बेचने को तैयार है।
जब किसी शेयर का Bid Price और Ask Price मैच हो जाता है, तो एक ट्रेड (Trade) यानी सौदा पूरा हो जाता है। यह सब कुछ इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सेकंडों में होता है।
Bid और Ask Price के बीच के अंतर को स्प्रेड (Spread) कहा जाता है। जिन शेयरों में बहुत ज्यादा खरीद-बिक्री होती है, उनमें यह Spread बहुत कम होता है।
बाजार के खुलने और बंद होने का समय (Session Timings)
भारतीय शेयर बाजार सोमवार से शुक्रवार तक खुला रहता है। शनिवार, रविवार और सरकार द्वारा घोषित छुट्टियों पर बाजार बंद रहता है। ट्रेडिंग का समय इस प्रकार है:
- प्री-ओपन सेशन (सुबह 9:00 बजे से 9:15 बजे तक): इस 15 मिनट के दौरान, आप ऑर्डर तो दे सकते हैं, लेकिन वे execute नहीं होते। इसका मुख्य उद्देश्य बाजार खुलने पर शेयरों की कीमत तय करना (Price Discovery) होता है ताकि बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव न हो।
- नॉर्मल ट्रेडिंग सेशन (सुबह 9:15 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक): यह बाजार का मुख्य समय है। इसी दौरान आप और हम जैसे सभी Retail Investors शेयरों की खरीद-बिक्री करते हैं।
- क्लोजिंग बेल (दोपहर 3:30 बजे): बाजार नियमित ट्रेडिंग के लिए बंद हो जाता है।
निवेश क्यों जरूरी है? (Benefits of Investing)
अब सबसे बड़ा सवाल: हमें शेयर बाजार में निवेश क्यों करना चाहिए? बैंक FD या RD में पैसा रखना ज्यादा सुरक्षित नहीं है?
इसके दो मुख्य कारण हैं:
- महंगाई को मात देना (Beat Inflation): हर साल महंगाई बढ़ती है, जिससे आपके पैसे की खरीदने की क्षमता कम हो जाती है। मान लीजिए, अगर आपका पैसा बैंक FD में 6% ब्याज कमा रहा है और महंगाई दर 7% है, तो असल में आपके पैसे की वैल्यू घट रही है। शेयर बाजार में लंबे समय में महंगाई को मात देने वाले returns देने की क्षमता होती है।
- वेल्थ क्रिएशन (Long-term Wealth Creation): शेयर बाजार आपको देश की सबसे बड़ी कंपनियों की ग्रोथ में भागीदार बनने का मौका देता है। सही कंपनियों में लंबे समय तक निवेशित रहकर आप कंपाउंडिंग की ताकत (Power of Compounding) का लाभ उठा सकते हैं, जिससे आपका छोटा निवेश भी समय के साथ एक बड़ी रकम बन सकता है।
तो यह था हमारे Day 1 का ज्ञान! उम्मीद है कि आपको शेयर बाजार की यह पहली झलक पसंद आई होगी। हमने आज सीखा कि शेयर क्या है, BSE/NSE क्या हैं, बाजार कैसे काम करता है, और निवेश क्यों फायदेमंद है।
यह तो बस शुरुआत है! कल, Day 2 में, हम जानेंगे कि Demat और Trading Account क्या होते हैं और आप अपना पहला शेयर कैसे खरीद सकते हैं।
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Investments in the securities market are subject to market risks, read all the related documents carefully before investing.
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