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Stock Market Index क्या होता है? Sensex और Nifty को आसानी से समझें

Stock Market Index शेयर बाजार की सेहत बताने वाला एक मीटर है। यह लेख Sensex, Nifty और अन्य भारतीय सूचकांकों को सरल भाषा में समझाता है।

Stock Market Index क्या होता है? Sensex और Nifty को आसानी से समझें

जब भी शेयर बाज़ार की बात होती है, तो Sensex और Nifty का नाम ज़रूर आता है। आपने अक्सर TV या अख़बारों में सुना होगा, “आज बाज़ार 500 अंक ऊपर गया” या “आज market लाल निशान में बंद हुआ”। ये सब Sensex और Nifty जैसे stock market index के आधार पर ही कहा जाता है। लेकिन ये index आखिर हैं क्या और ये काम कैसे करते हैं?

आइए, इस लेख में हम stock market index की दुनिया को बिल्कुल आसान भाषा में समझते हैं।

मुख्य बातें (Key Takeaways)

  • एक stock market index कुछ चुनिंदा stocks का एक समूह होता है जो पूरे बाज़ार या किसी खास sector की चाल को दिखाता है।
  • Sensex और Nifty 50 भारत के दो सबसे प्रमुख benchmark index हैं, जो क्रमशः BSE और NSE पर लिस्टेड सबसे बड़ी कंपनियों के performance को track करते हैं।
  • Index निवेशकों को बाज़ार के मूड (sentiment), अर्थव्यवस्था की सेहत और अपने investment के performance को मापने में मदद करते हैं।

Stock Market Index क्या होता है?

एक stock market index को आप पूरे शेयर बाज़ार का “रिपोर्ट कार्ड” या “मीटर” समझ सकते हैं। यह एक ऐसा आँकड़ा है जो एक साथ कई stocks के performance को track करता है। अगर index ऊपर जाता है, तो इसका मतलब है कि इसमें शामिल ज़्यादातर कंपनियों के शेयर की कीमतें बढ़ रही हैं। अगर यह नीचे जाता है, तो इसका मतलब है कि कीमतें गिर रही हैं।

Index का मकसद:

  1. बाज़ार का बैरोमीटर: यह market के overall trend और आर्थिक स्वास्थ्य का एक quick snapshot देता है।
  2. Benchmarking: निवेशक और mutual fund मैनेजर अपने portfolio के performance की तुलना index से करते हैं। इससे पता चलता है कि उनका निवेश बाज़ार की तुलना में कैसा perform कर रहा है।
  3. Passive Investing: Index Funds और ETFs जैसे investment products सीधे एक index को track करते हैं, जिससे निवेशकों को पूरे बाज़ार या sector में आसानी से निवेश करने का मौका मिलता है।

Index कैसे Calculate होता है?

भारत में ज़्यादातर index की calculation “Free-Float Market Capitalization” method का उपयोग करके की जाती है।

  • Market Capitalization (Market Cap): यह किसी कंपनी की कुल बाज़ार वैल्यू है (शेयर की कीमत x कुल शेयरों की संख्या)।
  • Free-Float: इसका मतलब उन शेयरों से है जो आम जनता के लिए trading के लिए उपलब्ध हैं। इसमें सरकार या कंपनी के प्रमोटरों के पास मौजूद शेयर शामिल नहीं होते हैं।

इस method में, जिन कंपनियों का free-float market cap ज़्यादा होता है, उनका index में वज़न (weightage) भी ज़्यादा होता है।

A diagram showing the concept of a stock market index as a basket containing logos of various companies.

BSE Sensex: भारत का सबसे पुराना Index

Sensex, जिसका पूरा नाम Sensitive Index है, भारत का सबसे पुराना और सबसे मशहूर stock market index है। यह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का benchmark index है।

  • लॉन्च: इसे 1986 में लॉन्च किया गया था।
  • कंपनियां: इसमें भारत की 30 सबसे बड़ी, financially strong और सबसे active trade होने वाली कंपनियां शामिल हैं। ये कंपनियां अर्थव्यवस्था के अलग-अलग sectors को represent करती हैं।
  • बेस ईयर और वैल्यू: इसका आधार वर्ष 1978-79 और आधार मूल्य 100 है।
  • महत्व: Sensex को अक्सर भारतीय अर्थव्यवस्था की सेहत का एक बड़ा indicator माना जाता है। जब Sensex बढ़ता है, तो यह आमतौर पर देश में एक positive economic माहौल का संकेत देता है।

NSE Nifty 50: 50 सबसे बड़ी कंपनियों का दम

Nifty 50, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का प्रमुख benchmark index है। इसका नाम National और Fifty शब्दों को मिलाकर बना है।

  • लॉन्च: इसे 1996 में लॉन्च किया गया था।
  • कंपनियां: इसमें NSE पर लिस्टेड 50 सबसे बड़ी और सबसे ज़्यादा liquid (जिनकी खरीद-बिक्री आसानी से होती है) कंपनियां शामिल हैं।
  • बेस ईयर और वैल्यू: इसका आधार वर्ष 1995 और आधार मूल्य 1000 है।
  • महत्व: Nifty 50 भारतीय equity market को बड़े पैमाने पर represent करता है और इसे निवेशक और fund मैनेजर एक benchmark के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। यह भारत में derivatives (Futures & Options) trading के लिए सबसे बड़ा single base है।

A side-by-side comparison showing the BSE Sensex logo with '30 Stocks' and the NSE Nifty 50 logo with '50 Stocks'.

Sensex और Nifty के अलावा भी हैं कई जरूरी Index

Sensex और Nifty के अलावा, बाज़ार को बेहतर ढंग से समझने के लिए कई और index भी हैं। इन्हें मोटे तौर पर दो categories में बांटा जा सकता है:

1. Sectoral Indices

ये index अर्थव्यवस्था के किसी एक खास sector के performance को track करते हैं। ये निवेशकों को यह समझने में मदद करते हैं कि कौन सा sector अच्छा perform कर रहा है और कौन सा नहीं।

उदाहरण:

  • Nifty Bank Index: यह भारत के सबसे बड़े और सबसे liquid banking stocks के performance को track करता है।
  • Nifty IT Index: यह भारतीय IT sector की टॉप कंपनियों को track करता है।
  • Nifty Pharma Index: यह pharmaceutical sector के performance को मापता है।

अगर आप banking sector में निवेश करना चाहते हैं, तो Nifty Bank Index को analyze करना एक अच्छा शुरुआती कदम हो सकता है।

2. Market-Cap Based Indices

ये index लार्ज-कैप कंपनियों से आगे जाकर बाज़ार का एक ज़्यादा बड़ा view देते हैं।

उदाहरण:

  • Nifty Midcap 100: यह 100 मिड-साइज़ कंपनियों के performance को track करता है।
  • Nifty Smallcap 100: यह 100 छोटी कंपनियों के performance को track करता है।
  • Nifty 500: यह NSE पर लिस्टेड 500 सबसे बड़ी कंपनियों को track करता है, जो भारतीय शेयर बाज़ार के लगभग 96% free-float market cap को represent करता है।

इन अलग-अलग index को देखकर, एक निवेशक बाज़ार के overall mood का बेहतर अंदाज़ा लगा सकता है। उदाहरण के लिए, अगर Nifty 50 flat है, लेकिन Nifty Midcap 100 तेज़ी से बढ़ रहा है, तो यह signal देता है कि निवेशकों की रुचि बड़ी कंपनियों से ज़्यादा मिड-साइज़ कंपनियों में है।


यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है और इसे निवेश की सलाह नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी तरह का निवेश करने से पहले अपनी खुद की research ज़रूर करें।

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