Stock Trading के छिपे हुए Charges: Brokerage, Tax और अन्य शुल्क जो आपका Profit कम करते हैं
शेयर बाजार में trading करते समय सिर्फ मुनाफा ही नहीं, बल्कि brokerage, STT, GST जैसे कई charges भी लगते हैं। जानें यह शुल्क आपके profit को कैसे प्रभावित करते हैं।

जब हम शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं, तो हमारा पूरा ध्यान इस बात पर होता है कि कितना profit होगा। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि हर trade के पीछे कुछ छिपे हुए charges और tax होते हैं जो आपके मुनाफे को चुपके से कम कर सकते हैं? एक सफल trader या investor बनने के लिए इन शुल्कों को समझना बहुत ज़रूरी है।
आइए, इन सभी charges को आसान भाषा में समझते हैं।
मुख्य बातें (Key Takeaways)
- Brokerage: यह आपके broker द्वारा trade करने के लिए लिया जाने वाला शुल्क है। Discount brokers के आने से Equity Delivery पर यह लगभग शून्य हो गया है।
- सरकारी Tax: इसमें Securities Transaction Tax (STT), Stamp Duty और GST शामिल हैं, जो हर transaction का एक अनिवार्य हिस्सा हैं।
- अन्य Charges: Exchange Transaction Charges और DP Charges जैसे शुल्क भी आपकी trading की लागत को बढ़ाते हैं।
- Profit पर असर: ये सभी शुल्क, खासकर day traders के लिए, मुनाफे का एक बड़ा हिस्सा ले सकते हैं। इसलिए, अपनी trading strategy बनाते समय इन लागतों का हिसाब रखना महत्वपूर्ण है।
1. ब्रोकरेज शुल्क (Brokerage Fees)
Brokerage वह commission है जो आपका stock broker आपके लिए शेयर खरीदने या बेचने के लिए लेता है। यह दो तरह का हो सकता है:
- Percentage-Based Brokerage: यह पारंपरिक या full-service brokers द्वारा लिया जाता है, जो आपके transaction value का एक निश्चित प्रतिशत (जैसे 0.5%) charge करते हैं।
- Flat-Fee Brokerage: आजकल ज़्यादातर discount brokers (जैसे Zerodha, Groww) एक फ्लैट शुल्क लेते हैं, जो आमतौर पर ₹20 प्रति ऑर्डर होता है, चाहे आपका trade कितना भी बड़ा क्यों न हो।
अच्छी खबर यह है कि भारत में अधिकांश discount brokers अब Equity Delivery (जब आप शेयर खरीदकर कुछ दिनों से ज़्यादा रखते हैं) पर कोई brokerage नहीं लेते हैं। Brokerage शुल्क मुख्य रूप से Intraday Trading (एक ही दिन में खरीद और बिक्री) और F&O (Futures and Options) trading पर लगता है।
2. सरकारी शुल्क और टैक्स (Government Levies)
ये शुल्क सरकार द्वारा लगाए जाते हैं और इन्हें टाला नहीं जा सकता।
a) Securities Transaction Tax (STT)
यह tax स्टॉक एक्सचेंज पर होने वाले हर transaction पर लगता है। इसकी दरें इस बात पर निर्भर करती हैं कि आप किस तरह की trading कर रहे हैं:
- Equity Delivery: खरीदने और बेचने, दोनों पर transaction value का 0.1% लगता है।
- Equity Intraday: सिर्फ बेचने वाले transaction पर 0.025% लगता है।
यह एक महत्वपूर्ण लागत है, खासकर उन traders के लिए जो ज़्यादा volume में trade करते हैं।
b) Stamp Duty
यह केंद्र सरकार द्वारा लगाया जाने वाला एक समान शुल्क है जो शेयर खरीदने पर लगता है। 1 जुलाई 2020 से, पूरे भारत में इसके लिए एक ही दर लागू है:
- Equity Delivery पर: खरीदने वाले transaction पर 0.015%।
- Equity Intraday पर: खरीदने वाले transaction पर 0.003%।
यह शुल्क सिर्फ Buy साइड पर ही लगता है।
c) Goods and Services Tax (GST)
GST सीधे आपके शेयर खरीदने या बेचने पर नहीं लगता, बल्कि broker द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं (जैसे brokerage और transaction charges) पर लगता है।
- दर: ब्रोकरेज शुल्क और एक्सचेंज ट्रांजैक्शन शुल्क के कुल योग पर 18% GST लगता है।
अगर आपका brokerage शून्य है (जैसे Equity Delivery में), तो भी आपको exchange transaction charge पर GST देना होगा।
3. एक्सचेंज और डिपॉजिटरी शुल्क (Exchange and Depository Charges)
ये शुल्क स्टॉक एक्सचेंज (NSE/BSE) और डिपॉजिटरी (CDSL/NSDL) द्वारा अपनी सेवाएं प्रदान करने के लिए लिए जाते हैं।
a) Exchange Transaction Charges
स्टॉक एक्सचेंज (जैसे NSE या BSE) आपके trades को facilitate करने के लिए यह शुल्क लेते हैं।
- NSE दर: Transaction value का 0.00297%।
- BSE दर: यह ग्रुप के हिसाब से थोड़ा अलग हो सकता है, लेकिन NSE के समान ही है।
यह शुल्क खरीदने और बेचने, दोनों पर लगता है।
b) SEBI Turnover Charges
बाजार नियामक SEBI (Securities and Exchange Board of India) भी सभी transactions पर एक छोटा सा शुल्क लगाता है।
- दर: ₹10 प्रति करोड़ (या 0.0001%)।
c) DP (Depository Participant) Charges
जब भी आप अपने Demat अकाउंट से कोई शेयर बेचते हैं, तो डिपॉजिटरी (CDSL या NSDL) और आपका broker मिलकर यह शुल्क लगाते हैं।
- दर: यह एक फ्लैट शुल्क होता है, जो प्रति स्क्रिप (per scrip) प्रति दिन लगता है, चाहे आप कितने भी शेयर बेचें। यह आमतौर पर ₹13.5 + 18% GST के आसपास होता है।
ध्यान दें: DP charge सिर्फ Delivery selling पर लगता है, Intraday trading पर नहीं।
लागतों का आपके मुनाफे पर असर: एक उदाहरण
आइए एक उदाहरण से समझते हैं कि ये सभी शुल्क आपके profit को कैसे प्रभावित करते हैं। मान लीजिए आपने किसी कंपनी के 100 शेयर ₹500 प्रति शेयर के हिसाब से खरीदे और ₹520 प्रति शेयर के हिसाब से बेच दिए। आपका कुल निवेश ₹50,000 और बिक्री मूल्य ₹52,000 है। आपका सकल लाभ (Gross Profit) ₹2,000 है।
शुल्क | Intraday Trade Calculation (₹) | Equity Delivery Trade Calculation (₹) |
---|---|---|
Brokerage (₹20/ऑर्डर) | ₹40.00 (₹20 Buy + ₹20 Sell) | ₹0.00 (Discount brokers पर शून्य) |
STT | ₹13.00 (0.025% of ₹52,000) | ₹102.00 (0.1% of ₹50,000 Buy + 0.1% of ₹52,000 Sell) |
Exchange Txn Charge | ₹3.03 (0.00297% of ₹1,02,000) | ₹3.03 (0.00297% of ₹1,02,000) |
SEBI Charge | ₹0.10 (0.0001% of ₹1,02,000) | ₹0.10 (0.0001% of ₹1,02,000) |
Stamp Duty (सिर्फ Buy पर) | ₹1.50 (0.003% of ₹50,000) | ₹7.50 (0.015% of ₹50,000) |
GST (18% on Brokerage+Txn+SEBI) | ₹7.76 (18% of ₹43.13) | ₹0.56 (18% of ₹3.13) |
DP Charge (मान लीजिए ₹13.5+GST) | ₹0.00 | ₹15.93 |
कुल शुल्क | ₹65.39 | ₹129.12 |
सकल लाभ | ₹2,000 | ₹2,000 |
शुद्ध लाभ (Net Profit) | ₹1,934.61 | ₹1,870.88 |
(यह गणना अनुमानित है और वास्तविक आंकड़े थोड़े भिन्न हो सकते हैं।)
जैसा कि आप देख सकते हैं, ₹2,000 के gross profit पर, आपको लगभग ₹65 से ₹129 तक शुल्क देना पड़ा। SEBI की जुलाई 2024 की एक स्टडी के अनुसार, 10 में से 7 day traders नुकसान में रहते हैं, और इन शुल्कों का इसमें बड़ा हाथ है। स्टडी में पाया गया कि जो traders नुकसान करते हैं, उनकी कुल हानि का 57% हिस्सा इन्हीं transaction costs के कारण होता है।
इसलिए, अगली बार जब आप कोई trade करें, तो सिर्फ शेयर की कीमत पर ही नहीं, बल्कि इन सभी शुल्कों पर भी ध्यान दें। अपने broker के brokerage calculator का उपयोग करें ताकि आपको trade करने से पहले ही अपनी अनुमानित लागत का पता चल सके।
यह लेख केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और निवेश पर सलाह नहीं है। निवेश से पहले अपना स्वयं का शोध अवश्य करें।
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