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TCS में बड़ी छंटनी: 12,000 से ज्यादा कर्मचारी होंगे बाहर, AI और भविष्य की तैयारी है वजह?

भारत की सबसे बड़ी IT कंपनी, Tata Consultancy Services (TCS), ने अपने 2% global workforce, यानी 12,000 से ज्यादा कर्मचारियों को निकालने का ऐलान किया है। यह फैसला कंपनी की भविष्य की योजनाओं और AI पर बढ़ते focus का हिस्सा है।

TCS में बड़ी छंटनी: 12,000 से ज्यादा कर्मचारी होंगे बाहर, AI और भविष्य की तैयारी है वजह?

भारत की सबसे बड़ी IT कंपनी Tata Consultancy Services (TCS) ने एक बड़ा ऐलान किया है, जिससे पूरे IT सेक्टर में हलचल मच गई है। कंपनी ने अपने global workforce में से लगभग 2% की छंटनी करने की योजना बनाई है। इसका मतलब है कि करीब 12,261 कर्मचारियों की नौकरी जाएगी। यह फैसला कंपनी की एक बड़ी strategy का हिस्सा है, जिसका मकसद खुद को “future-ready” यानी भविष्य के लिए तैयार करना है।

यह खबर ऐसे समय में आई है जब पूरी दुनिया की tech कंपनियां Artificial Intelligence (AI) और automation को अपना रही हैं। आइए इस फैसले का गहराई से analysis करते हैं और जानते हैं कि इसके पीछे की असली वजह क्या है और इसका भारतीय IT सेक्टर और कर्मचारियों पर क्या असर पड़ सकता है।

मुख्य बातें (Key Takeaways)

  • कितनी बड़ी है छंटनी? TCS अपने कुल 6,13,069 कर्मचारियों में से लगभग 2% यानी 12,261 कर्मचारियों को हटाएगी।
  • कौन होगा प्रभावित? यह छंटनी मुख्य रूप से middle और senior level के कर्मचारियों को प्रभावित करेगी।
  • क्या है वजह? कंपनी का कहना है कि यह फैसला AI, नई technology में निवेश और workforce को भविष्य की जरूरतों के हिसाब से ढालने की strategy का हिस्सा है।

TCS Layoffs Infographic showing 2% workforce reduction affecting over 12,000 employees.

TCS ने यह कदम क्यों उठाया?

TCS के इस फैसले के पीछे कोई एक नहीं, बल्कि कई बड़ी वजहें हैं। कंपनी इसे एक strategic बदलाव बता रही है।

1. भविष्य के लिए तैयारी (Future-Ready Organisation): TCS का आधिकारिक बयान है कि कंपनी खुद को भविष्य के लिए तैयार कर रही है। इसका मतलब है कि वे नए technology एरिया, जैसे कि AI और machine learning में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं। कंपनी का मानना है कि आने वाले समय में clients की जरूरतें बदलेंगी और इसके लिए उनके पास सही skills वाले लोग होने चाहिए। जिन कर्मचारियों के skills भविष्य की जरूरतों से मेल नहीं खाते या जिन्हें नए projects में लगाना (redeploy) मुश्किल हो रहा है, उन्हें हटाया जा रहा है।

2. AI और ऑटोमेशन का बढ़ता प्रभाव: AI और automation की वजह से पारंपरिक IT roles, जैसे manual testing और बेसिक maintenance की मांग कम हो रही है। कंपनी को अब ऐसे experts की जरूरत है जो AI-driven projects पर काम कर सकें। TCS का कहना है कि यह छंटनी सीधे तौर पर AI की वजह से नहीं, बल्कि एक व्यापक strategy का हिस्सा है, जिसमें AI को बड़े पैमाने पर अपनाना भी शामिल है।

3. Macro-Economic अनिश्चितता: वैश्विक स्तर पर आर्थिक अनिश्चितता का माहौल है। इसके चलते clients अपने technology budget को लेकर सतर्क हो गए हैं और गैर-जरूरी projects पर खर्च को टाल रहे हैं। इस माहौल में कंपनियां अपनी लागत को control करने और efficiency बढ़ाने पर focus कर रही हैं।

4. Workforce का पुनर्गठन (Workforce Realignment): यह छंटनी junior कर्मचारियों के बजाय middle और senior management को ज्यादा प्रभावित कर रही है। अक्सर इन स्तरों पर salary ज्यादा होती है और कंपनी को लगता है कि इन roles में कुछ लोगों को नए skills सिखाकर दोबारा तैनात करना मुश्किल है। यह कदम कंपनी के पिरामिड structure को और बेहतर बनाने की एक कोशिश हो सकती है, जिसमें junior स्तर पर ज्यादा कर्मचारी होते हैं।

A diagram showing the key reasons for TCS layoffs: AI & Automation, Economic Uncertainty, and Skill Realignment.

प्रभावित कर्मचारियों का क्या होगा?

TCS ने कहा है कि वह प्रभावित कर्मचारियों की पूरी मदद करेगी। कंपनी उन्हें एक सपोर्ट पैकेज देगी जिसमें नोटिस पीरियड की salary, severance pay (अतिरिक्त मुआवजा), extended health insurance और नई नौकरी खोजने में मदद (outplacement services) शामिल होगी।

यह छंटनी हाल ही में TCS द्वारा अपनी “bench policy” को सख्त करने के बाद हुई है। नई policy के तहत, किसी भी कर्मचारी को बिना project के 35 दिन से ज्यादा बेंच पर रहने की इजाजत नहीं है। इन कदमों को इस बड़ी छंटनी की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा था।

IT सेक्टर पर क्या होगा इसका असर?

TCS भारतीय IT सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी और सबसे बड़ी employer है। इसलिए, उसके किसी भी फैसले का पूरे सेक्टर पर असर पड़ना तय है।

  • एक नया trend सेट हो सकता है: Experts का मानना है कि TCS के इस कदम के बाद दूसरी बड़ी IT कंपनियां (जैसे Infosys, Wipro, HCL) भी इसी तरह की छंटनी कर सकती हैं। यह सेक्टर में job security को लेकर चिंता बढ़ा सकता है।
  • Skills की मांग में बदलाव: यह छंटनी एक स्पष्ट संकेत है कि IT industry में अब पारंपरिक skills की जगह AI, cloud computing और data science जैसे नए जमाने के skills की मांग तेजी से बढ़ रही है।
  • कर्मचारियों के लिए संदेश: IT professionals को अब लगातार नई चीजें सीखते रहने (upskilling) की जरूरत होगी ताकि वे industry में बने रह सकें। जो लोग समय के साथ खुद को नहीं बदलेंगे, उनके लिए आगे की राह मुश्किल हो सकती है।

संक्षेप में, TCS की यह छंटनी सिर्फ एक cost-cutting exercise नहीं है, बल्कि यह technology और बाजार की बदलती हकीकत के हिसाब से एक बड़ा strategic बदलाव है। यह भारतीय IT सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जो आने वाले समय में काम करने के तरीकों को हमेशा के लिए बदल सकता है।


यह लेख केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और निवेश पर सलाह नहीं है। निवेश से पहले अपना स्वयं का शोध अवश्य करें।

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