अमेरिकी मंदी का खतरा: Jobs Data, Yield Curve और AI Bubble का पूरा सच
हाल ही में आए US Jobs Data ने बाजार में घबराहट पैदा कर दी है। क्या यह एक बड़ी मंदी का संकेत है? Yield Curve Inversion और AI Bubble इस कहानी में क्या भूमिका निभा रहे हैं, आइए विस्तार से जानते हैं।

पिछले शुक्रवार को आए अमेरिकी jobs data ने दुनिया भर के financial markets में खलबली मचा दी। US stock और bond markets में भारी बिकवाली हुई, जिसका असर भारतीय बाजार पर भी महसूस किया गया। यह data इस बात का इशारा कर रहा है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था शायद उस मंदी (recession) की ओर बढ़ रही है, जिसकी चर्चा पिछले कुछ महीनों से हो रही है।
बाजार में अप्रैल से देखी जा रही तेजी के बावजूद, कई एक्सपर्ट्स एक बड़े आर्थिक slowdown की आशंका जता रहे हैं। ऐतिहासिक रूप से, अमेरिका में बड़ी मंदी से ठीक पहले अक्सर stock market में तेज रैलियां देखी गई हैं।
आइए, data और तथ्यों के आधार पर इस पूरी स्थिति को समझते हैं कि इस घबराहट के पीछे क्या कारण हैं और एक निवेशक के तौर पर आपको किन बातों पर ध्यान देना चाहिए।
Key Takeaways:
- Yield Curve Inversion: यह मंदी का एक ऐतिहासिक रूप से सटीक संकेतक है। यह पैटर्न पिछले कुछ समय से लगातार मंदी का सिग्नल दे रहा है।
- Jobs Data में भारी गिरावट: हालिया रिपोर्ट में पता चला कि मई और जून में jobs बनने के आंकड़े पहले बहुत बढ़ा-चढ़ाकर बताए गए थे। इस सच्चाई ने अर्थव्यवस्था की सेहत पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
- AI Bubble का खतरा: अमेरिका में AI stocks को लेकर वैसा ही उत्साह है जैसा 2000 में डॉट-कॉम बबल के समय था। ब्याज दरों में कटौती और बढ़ती बेरोजगारी इस bubble के फटने का कारण बन सकती है।
Yield Curve Inversion: मंदी का सबसे भरोसेमंद सिग्नल?
जब भी अमेरिका में मंदी की बात होती है, तो “Yield Curve Inversion” का जिक्र जरूर होता है। इसे 1980 के बाद से अमेरिकी मंदी का सबसे विश्वसनीय predictor माना जाता है।
सरल शब्दों में, Yield Curve यह दिखाता है कि सरकार को अलग-अलग समय के लिए उधार लेने पर कितना ब्याज (yield) देना पड़ रहा है। आमतौर पर, लंबी अवधि (जैसे 10 साल) के bond पर ज्यादा return मिलता है। लेकिन जब इसका उल्टा हो जाता है, यानी छोटी अवधि (जैसे 2 साल या 3 महीने) के bond पर return लंबी अवधि के bond से ज्यादा हो जाता है, तो इसे Yield Curve Inversion कहते हैं।
यह एक खतरे की घंटी है। इसका मतलब है कि निवेशक निकट भविष्य में अर्थव्यवस्था को लेकर चिंतित हैं और उन्हें लगता है कि सेंट्रल बैंक (US Federal Reserve) को भविष्य में ब्याज दरें घटानी पड़ेंगी ताकि अर्थव्यवस्था को मंदी से बचाया जा सके। 1990, 2000, 2008 और 2020 की मंदी से पहले यही पैटर्न देखा गया था, और 2024-25 में भी यह पैटर्न साफ दिख रहा है।

Jobs Data का झटका: क्या Fed ब्याज दरें घटाने पर मजबूर होगा?
Yield Curve का सीधा संबंध ब्याज दरों से है। US Fed के दो मुख्य काम हैं - महंगाई को control में रखना और बेरोजगारी को कम रखना। अभी अमेरिका में महंगाई लक्ष्य से थोड़ी ऊपर है, जिस वजह से Fed ब्याज दरें घटाने से हिचक रहा था।
लेकिन हाल ही में आए jobs data ने पूरी कहानी बदल दी।
- जुलाई में केवल 73,000 नई नौकरियां पैदा हुईं, जो 110,000 की उम्मीद से बहुत कम थीं।
- सबसे चौंकाने वाली बात पिछले data में हुआ भारी revision था। मई के 1,44,000 नौकरियों के आंकड़े को घटाकर सिर्फ 19,000 कर दिया गया और जून के 1,47,000 के आंकड़े को घटाकर 14,000 कर दिया गया।
- इसका मतलब है कि सिर्फ दो महीनों में पहले बताए गए आंकड़ों से 2,58,000 कम नौकरियां पैदा हुईं।
इस खबर के बाद, बाजार में यह उम्मीद बहुत बढ़ गई है कि Fed को सितंबर में होने वाली अपनी मीटिंग में ब्याज दरों में कटौती (rate cut) करनी ही पड़ेगी। CME FedWatch Tool के अनुसार, अब सितंबर में rate cut की संभावना 85% से भी ज्यादा हो गई है।
क्या AI का बुलबुला (Bubble) फटने वाला है?
Market में एक और बड़ी चिंता “AI Bubble” को लेकर है। आज AI को लेकर वैसा ही माहौल है जैसा साल 2000 में डॉट-कॉम कंपनियों को लेकर था। Venture capital का लगभग दो-तिहाई पैसा AI startups में जा रहा है, और कई कंपनियां बिना किसी मुनाफे के अरबों डॉलर की valuation पर बैठी हैं।
यह एक खतरनाक स्थिति है। इतिहास गवाह है कि जब भी कोई bubble बनता है, तो उसे फटने के लिए एक trigger की जरूरत होती है। डॉट-कॉम बबल के समय यह trigger ब्याज दरों में बढ़ोतरी थी। इस बार यह trigger ब्याज दरों में कटौती और बढ़ती बेरोजगारी का कॉम्बिनेशन हो सकता है।
जैसे ही Fed दरें घटाना शुरू करेगा, अर्थव्यवस्था में मंदी का असर दिखने में 6-9 महीने लग सकते हैं। बढ़ती बेरोजगारी और आर्थिक सुस्ती के कारण AI कंपनियों से जो भारी मुनाफे की उम्मीद की जा रही है, वह शायद पूरी न हो। इससे निवेशकों का भरोसा टूट सकता है और वे अपने पैसे निकालने लगेंगे, जिससे यह bubble फट सकता है।

आगे क्या हो सकता है?
कुछ अर्थशास्त्रियों का यह भी मानना है कि अमेरिकी सरकार शायद एक “नियंत्रित मंदी” चाहती है ताकि वह अपने भारी कर्ज को कम ब्याज दरों पर refinance कर सके।
एक निवेशक के रूप में, आपको घबराने की बजाय सतर्क रहने की जरूरत है। आने वाले हफ्तों में इन दो चीजों पर कड़ी नजर रखें:
- US Employment Data: अगले महीने आने वाले jobs के आंकड़े बहुत महत्वपूर्ण होंगे। क्या हायरिंग में गिरावट जारी रहती है?
- Fed का फैसला: सितंबर में Fed की मीटिंग पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी होंगी। Fed कितनी बड़ी कटौती करता है और भविष्य के लिए क्या संकेत देता है, यह बाजार की दिशा तय करेगा।
यह समय अपने portfolio की समीक्षा करने और यह सुनिश्चित करने का है कि आप किसी भी संभावित अस्थिरता के लिए तैयार हैं।
यह लेख केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और निवेश पर सलाह नहीं है। निवेश से पहले अपना स्वयं का शोध अवश्य करें।
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