US Tariff का बड़ा झटका: गणेश चतुर्थी से पहले बाजार धड़ाम, अब निवेशक क्या करें?
मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट आई। US द्वारा भारत पर लगाए गए नए 50% tariff के ऐलान से Sensex 800 से ज्यादा अंक टूट गया। जानें इस गिरावट की वजह और आगे की रणनीति।

मंगलवार, 26 अगस्त 2025, भारतीय शेयर बाजार के लिए एक ‘ब्लैक ट्यूसडे’ साबित हुआ। गणेश चतुर्थी की छुट्टी से ठीक एक दिन पहले, बाजार में ऐसी भारी गिरावट आई जिसने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। US सरकार द्वारा भारत पर लगाए गए नए tariffs की खबर आते ही बाजार में हड़कंप मच गया और Sensex-Nifty धड़ाम हो गए।
आइए समझते हैं कि यह गिरावट क्यों आई और एक निवेशक के तौर पर आपको अब क्या करना चाहिए।
बाजार में क्यों आई इतनी बड़ी गिरावट?
मंगलवार को बाजार खुलते ही भारी बिकवाली शुरू हो गई। दिन खत्म होते-होते, BSE Sensex 849.37 अंक (1.04%) गिरकर 80,786.54 पर और NSE Nifty 255 अंक (1.02%) गिरकर 24,712.05 पर बंद हुआ। इस तबाही के पीछे सबसे बड़ी वजह US का एक फैसला था।
इस बड़ी गिरावट के पीछे ये 4 मुख्य कारण हैं:
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US का 50% Tariff का बम: अमेरिका के Trump प्रशासन ने भारत से आने वाले सामानों पर अतिरिक्त 25% शुल्क लगाने का ऐलान किया है। यह 27 अगस्त से लागू हो गया है। इसके साथ ही भारत पर लगने वाला कुल US tariff बढ़कर 50% हो गया है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा में से एक है। अमेरिका ने यह कदम भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने के जवाब में उठाया है। इस खबर ने बाजार के sentiments को बुरी तरह तोड़ दिया, क्योंकि इसका सीधा असर भारतीय कंपनियों के मुनाफे पर पड़ेगा।
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FIIs की लगातार बिकवाली: विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) भारतीय बाजार से लगातार पैसा निकाल रहे हैं। सोमवार, 25 अगस्त को भी FIIs ने ₹2,466 करोड़ की शुद्ध बिकवाली की। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने ₹3,177 करोड़ की खरीदारी करके बाजार को संभालने की कोशिश की, लेकिन विदेशी बिकवाली का दबाव ज्यादा भारी पड़ा।
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कमजोर होता रुपया: US डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया भी लगातार कमजोर हो रहा है। मंगलवार को यह 22 पैसे गिरकर 87.78 के स्तर पर आ गया। कमजोर रुपये से विदेशों से सामान मंगाना (import) महंगा हो जाता है, जिससे कंपनियों की लागत बढ़ती है और मुनाफा घटता है।
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ग्लोबल बाजारों से खराब संकेत: सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि एशिया और दूसरे ग्लोबल बाजारों में भी कमजोरी का माहौल था, जिसका असर हमारे बाजार पर भी पड़ा।
कौन से Sectors होंगे सबसे ज्यादा प्रभावित?
Market experts का मानना है कि इन tariffs का सबसे ज्यादा असर उन sectors पर पड़ेगा जो labour-intensive (जहां ज्यादा लोगों को रोजगार मिलता है) हैं और अमेरिका को भारी मात्रा में सामान export करते हैं। इनमें मुख्य रूप से शामिल हैं:
- Textiles (कपड़ा उद्योग)
- Gems and Jewellery (रत्न और आभूषण)
- Leather Products (चमड़े का सामान)
- Auto Components (गाड़ियों के पार्ट्स)
इन sectors की कंपनियों के stocks में आने वाले दिनों में और दबाव देखने को मिल सकता है।
अब आगे क्या? निवेशकों के लिए जरूरी बातें
27 अगस्त को गणेश चतुर्थी के कारण बाजार बंद थे। अब जब बाजार गुरुवार, 28 अगस्त को खुलेंगे, तो कुछ बातों पर नजर रखना जरूरी होगा:
- बाजार की Reopening: छुट्टी के बाद निवेशक इस बड़ी खबर पर कैसे react करते हैं, यह देखना अहम होगा। क्या बिकवाली जारी रहेगी या निचले स्तरों पर खरीदारी लौटेगी?
- DIIs का सपोर्ट: विदेशी निवेशकों की बिकवाली के बीच घरेलू निवेशकों (DIIs) का पैसा ही बाजार का सबसे बड़ा सहारा है। अगर वे खरीदारी जारी रखते हैं, तो बाजार को एक सपोर्ट मिल सकता है।
- सरकार का अगला कदम: भारत सरकार इन tariffs पर क्या जवाब देती है, यह बहुत महत्वपूर्ण होगा। सरकार की तरफ से कोई भी बयान या जवाबी कार्रवाई बाजार की दिशा तय करेगी।
- Global Cues: अमेरिकी बाजारों का रुख और कच्चे तेल की कीमतें भी भारतीय बाजार पर अपना असर डालेंगी।
Retail निवेशकों को हमारी सलाह है कि वे घबराहट में आकर कोई भी फैसला न लें। बाजार में ऐसे उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। अपने portfolio में विविधता बनाए रखें और अच्छी क्वालिटी वाले stocks में लंबी अवधि के लिए निवेशित रहें। कोई भी बड़ा फैसला लेने से पहले अपने financial advisor से सलाह जरूर लें।
यह लेख केवल जानकारी के लिए है और इसे निवेश की सलाह नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी निवेश करने से पहले अपनी रिसर्च जरूर करें।
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Investments in the securities market are subject to market risks, read all the related documents carefully before investing.
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