AI का अल्टीमेटम: 'स्किल सीखो या नौकरी छोड़ो' - क्या है कंपनियों का नया Rule?
एक बड़ी टेक कंसल्टिंग फर्म Accenture ने साफ कह दिया है: AI के लिए खुद को तैयार करें, वरना बाहर जाने का रास्ता देखें। यह कदम corporate जगत में एक बड़ी बहस छेड़ गया है कि क्या यह भविष्य के लिए एक ज़रूरी कदम है या AI के hype पर आधारित एक जल्दबाज़ी का फैसला।

हाल ही में दुनिया की एक सबसे बड़ी टेक कंसल्टिंग फर्म, Accenture, के एक फैसले ने corporate world में हलचल मचा दी है। कंपनी ने एक सीधी और साफ policy अपनाई है: जो कर्मचारी AI (Artificial Intelligence) के लिए खुद को तेजी से reskill नहीं कर सकते, उन्हें कंपनी से बाहर जाना होगा। यह सिर्फ एक कंपनी की कहानी नहीं है, बल्कि यह उस बड़े बदलाव का संकेत है जो AI हमारी नौकरियों और career पर लाने वाला है।
यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब कंपनी ने पिछले कुछ महीनों में हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है, लेकिन साथ ही अपने revenue में बढ़ोतरी भी दर्ज की है। कंपनी का कहना है कि उसने अपने लगभग 77,000 कर्मचारियों को AI specialist बनाया है और 5.5 लाख से ज़्यादा कर्मचारियों को AI की बेसिक training दी है। इस पूरी प्रक्रिया को “talent rotation” जैसा फैंसी नाम दिया जा रहा है, लेकिन संदेश साफ है: भविष्य AI का है, और जो इसके साथ नहीं चलेगा, वह पीछे छूट जाएगा।
इस कदम ने एक बड़ी बहस को जन्म दिया है। क्या यह वाकई भविष्य की तैयारी के लिए एक ज़रूरी और साहसिक कदम है, या यह AI के hype के दबाव में लिया गया एक जल्दबाज़ी का फैसला है? आइए, दोनों पक्षों को समझते हैं।
कंपनियों का नज़रिया: Survival of the Fastest
कंपनियों के point of view से देखें तो यह कदम survival की लड़ाई है। AI अब कोई भविष्य की technology नहीं, बल्कि आज की business reality है। जो कंपनियाँ AI को अपने core operations में नहीं अपनाएंगी, वे competition में टिक नहीं पाएंगी।
इस सोच के समर्थकों का मानना है कि यह एक कड़ा लेकिन ज़रूरी फैसला है। उनका तर्क है:
- Speed ही सब कुछ है: आज के दौर में यह मायने नहीं रखता कि आप AI सीख सकते हैं या नहीं, बल्कि यह मायने रखता है कि आप कितनी तेजी से सीख सकते हैं। Technology और बाज़ार के बीच का फासला बहुत बड़ा है, और कंपनियाँ इंतज़ार नहीं कर सकतीं।
- Investment पर Return: कंपनियाँ AI में अरबों डॉलर का investment कर रही हैं। इस investment का फायदा उठाने के लिए उन्हें ऐसी workforce चाहिए जो इन नई technologies का असरदार तरीके से इस्तेमाल कर सके।
- Market की Demand: Clients अब AI-driven solutions मांग रहे हैं। इन मांगों को पूरा करने के लिए, कंपनियों को सही skill वाले लोगों की ज़रूरत है।
संक्षेप में, यह “Adapt or get left behind” (बदलो या पीछे छूट जाओ) वाली स्थिति है। कंपनियों के लिए, अपनी workforce को भविष्य के लिए तैयार करना एक strategic priority है, और इसमें कड़े फैसले लेना भी शामिल है।
आलोचना और संदेह: क्या यह सिर्फ छंटनी का एक नया बहाना है?
दूसरी ओर, इस policy की कड़ी आलोचना भी हो रही है। आलोचकों का मानना है कि यह strategy कई स्तरों पर गलत और अदूरदर्शी हो सकती है।
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“AI के लिए Reskilling” का मतलब क्या है? यह सबसे बड़ा सवाल है। क्या कंपनी चाहती है कि हर कोई एक AI engineer या data scientist बन जाए? यह उतना ही अजीब है जितना 1970 के दशक में किसी accountant को इसलिए निकाल देना क्योंकि वह punch card program नहीं कर सकता था। असली skill शायद AI model बनाना नहीं, बल्कि अपने field की गहरी समझ के साथ AI tools का सही इस्तेमाल करना है। आज के AI tools अभी भी शुरुआती दौर में हैं, और उनके लिए बड़े पैमाने पर सबको engineer बनाना practical नहीं लगता।
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Layoffs का छिपा हुआ एजेंडा? कई लोगों का मानना है कि यह “reskilling” की आड़ में उन कर्मचारियों को निकालने का एक आसान तरीका है जिन्हें कंपनियाँ पहले से ही निकालना चाहती थीं, शायद AI के शुरुआती hype के दौरान हुई over-hiring के कारण। “Talent rotation” जैसे शब्द इस कठोर सच्चाई पर पर्दा डालने का काम करते हैं।
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Hype पर आधारित Strategy? यह भी एक गंभीर चिंता है कि कंपनियाँ AI की मौजूदा क्षमताओं को लेकर कुछ ज़्यादा ही confident हैं। क्या AI training की client demand लंबे समय तक बनी रहेगी, या यह एक बुलबुला है जो जल्द ही फट जाएगा? क्या कंपनियाँ सच में GenAI से मुनाफा कमा रही हैं? अगर यह strategy सिर्फ hype पर आधारित है, तो यह लंबे समय में कंपनी को नुकसान पहुँचा सकती है।
आगे का रास्ता: संतुलन कहाँ है?
सच्चाई शायद इन दोनों के बीच में कहीं है। यह सच है कि AI एक बहुत बड़ी ताकत है और इसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। हर professional को AI के साथ काम करना सीखना होगा।
लेकिन, कंपनियों की ज़िम्मेदारी सिर्फ training देना नहीं है, बल्कि एक साफ और realistic vision बनाना भी है। “AI सीखो” एक अधूरा निर्देश है। कंपनियों को यह बताने की ज़रूरत है कि किस role के लिए कौन से AI skills ज़रूरी हैं और कर्मचारियों को उस दिशा में एक practical रास्ता दिखाना चाहिए। एक “reskill or exit” की कठोर policy कर्मचारियों का मनोबल तोड़ सकती है और उन अनुभवी लोगों को भी बाहर कर सकती है जिनके पास कंपनी का गहरा knowledge है।
कर्मचारियों के लिए संदेश बिल्कुल साफ है: अपनी learning की ज़िम्मेदारी खुद लें। कंपनी की training का इंतज़ार न करें। आज ही AI tools के साथ experiment करना शुरू करें। अपने काम को आसान बनाने के लिए उनका इस्तेमाल करें। लक्ष्य रातों-रात AI developer बनना नहीं है, बल्कि अपने field में एक AI-enabled professional बनना है।
अंत में, Accenture जैसी कंपनियों का यह कदम पूरी workforce के लिए एक wake-up call है। यह दिखाता है कि भविष्य में relevant बने रहने के लिए लगातार सीखना और बदलना कितना ज़रूरी है। यह लड़ाई सिर्फ AI बनाम इंसान की नहीं है, बल्कि उन लोगों के बीच है जो बदलते हैं और जो नहीं बदलते।
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